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नेपाल के दक्षिण-पूर्वी प्रांत 2 का नाम बदलकर मधेस प्रदेश रखा, भगवान शिव से संबंधित है नया नाम

Neha Dani
19 Jan 2022 6:13 AM GMT
नेपाल के दक्षिण-पूर्वी प्रांत 2 का नाम बदलकर मधेस प्रदेश रखा, भगवान शिव से संबंधित है नया नाम
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अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदलने के कदम को स्पष्ट रूप से खारिज किया था।

भारत की सीमा से लगे नेपाल के दक्षिण-पूर्वी प्रांत 2 का नाम बदलकर मधेस प्रदेश कर दिया गया है और जनकपुर को इसकी राजधानी बनाया गया है। इस तरह 2015 में प्रांत बनाए जाने के बाद क्षेत्र के आधिकारिक नामकरण को लेकर लंबे समय से जारी बहस का हल निकल गया। प्रांतीय विधानसभा ने सोमवार को दोनों फैसलों के लिए दो-तिहाई के बहुमत से मतदान किया। मतदान करने वाले 99 सदस्यों में से 78 ने जनकपुर को राजधानी बनाने के लिए और 80 ने प्रांतीय नाम मधेस करने के लिए मतदान किया।

मधेस क्षेत्रफल के मामले में नेपाल का सबसे छोटा राज्य और आबादी की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा प्रांत है। दक्षिण में इसकी सीमा भारत (बिहार) से लगती है और इसमें आठ जिले-बारा, पारसा, रौताहाट, सरलाही, महोत्तरी, धनुषा, सिराहा और सपतारी आते हैं। क्षेत्र में अधिकतर आबादी भारतीय मूल की है और सर्वाधिक लोग यहां मैथिली भाषा बोलने वाले हैं। लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र महतो ने कहा कि नए प्रांत का नामकरण पूर्ण संघवाद की ओर नेपाल के बढ़ने की दिशा में मील का पत्थर है।
हिंदू धर्म शास्त्रों में मधेस का संबंध भगवान शिव से
आम बोलचाल की भाषा में मधेसी से अर्थ मैदानी इलाके के लोगों से है। हिंदू धर्म शास्त्रों में मधेस का संबंध भगवान शिव से बताया गया है। सितंबर 2015 में नेपाल का नया संविधान प्रभाव में आने के बाद प्रांत 2 या मधेस प्रदेश बना था। प्रांतीय दर्जा मिलने से पहले मधेसी दलों ने वृहद अधिकारों, प्रतिनिधित्व और स्वायत्तता के लिए सघन अभियान चलाया था। सितंबर 2015 और फरवरी 2016 के बीच इस लिहाज से हुए आंदोलनों में करीब 50 लोग मारे गए।
प्रांतीय सरकार ने घोषित किया सार्वजनिक अवकाश
जनता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र यादव ने कहा कि प्रांत 2 का नाम मधेस प्रदेश करने से मधेस आंदोलन का सम्मान हुआ है। प्रांतीय सरकार ने मंगलवार को इस अवसर पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की। इससे पहले चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की थी, जिसके बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है। भारत ने चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदलने के कदम को स्पष्ट रूप से खारिज किया था।


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