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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को प्रचार थमने के बाद ‘नेशनल असेंबली’ के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा रहा है।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को प्रचार थमने के बाद 'नेशनल असेंबली' के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा रहा है।
निर्वाचन आयोग ने परोक्ष रूप से एक पत्रकार वार्ता में कहा कि उप-चुनाव में बागमती प्रत्याशी और गृहमंत्री राम बहादुर थापा के लिए बृहस्पतिवार को वोट मांगकर उन्होंने चुनाव आचार संहिता तोड़ी है।
'मायरिपब्लिका डॉट कॉम' की खबर के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने आगाह भी किया कि चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने कहा कि उसकी चेतावनी के बाजवूद कुछ लोग चुनाव आचार संहिता तोड़ रहे हैं।
कुछ मीडिया घरानों ने भी विजेता कौन होगा उसका अनुमान लगा और लोगों के साक्षात्कार लेकर आचार संहिता का उल्लंघन किया है। आयोग ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। ओली ने थापा के लिए वोट मांगते हुए कहा था कि उनकी जीत से कम्युनिस्ट अभियान मजबूत होगा। उन्होंने थापा के अलावा किसी और को वोट न देने की अपील भी की। नेपाली कांग्रेस (एनसी) और सीपीएन-माओवादी सेंटर ने भी ओली के थापा के लिए वोट मांगने की निंदा की है।
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