विश्व

नेपाली शेरपा कामी रीता ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड, 26वीं बार एवरेस्ट फतह कर बनाया इतिहास

Neha Dani
9 May 2022 7:51 AM GMT
नेपाली शेरपा कामी रीता ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड, 26वीं बार एवरेस्ट फतह कर बनाया इतिहास
x
नेपाल में टूरिज्म कैसे बढ़े। हम आखिर अन्य पर्वतारोहियों का यहां कैसे बुला सकते हैं।

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) है। बहुत से लोगों का ख्वाब है कि वह एक दिन इस पर चढ़ें। लेकिन कोई इसे कितनी बार चढ़ सकता है? एक बार, दो बार लेकिन नेपाल के एक शेरपा ने इसे 26वीं बार फतह करते हुए अपना ही पिछला रेकॉर्ड तोड़ दिया है। 52 साल के कामी रीता शेरपा (Kami Rita Sherpa) ने 8,848.86 मीटर की ऊंचाई वाले माउंट एवरेस्ट को 10 अन्य पर्वतारोहियों के साथ दक्षिणपूर्व रिज के जरिए फतह किया।

काठमांडू के पर्यटन विभाग के डायरेक्टर जनरल तारानाथ अधिकारी ने कहा कि कामी रीता शेरपा ने माउंट एवरेस्ट को फतह करने का अपना ही रेकॉर्ड तोड़ते हुए एक नया विश्व रेकॉर्ड बनाया है। कामी शेरपा की पत्नी लकपा जंगमू ने कहा कि वह अपने पति की अपलब्धि से बेहद खुश हैं। कानी रीता ने जिस रूट का इस्तेमाल पर्वत चढ़ने के लिए किया है वह पहली बार एवरेस्ट पर चढ़ने वाले एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे के द्वारा 1953 में तैयार किया गया था और ये अब तक से अब तक का सबसे प्रसिद्ध रूट है।
316 लोगों को एवरेस्ट चढ़ने का मिला परमिट
नेपाल ने इस साल 316 लोगों को एवरेस्ट पर चढ़ने का परमिट जारी किया है। वहीं पिछले साल 408 लोगों को परमिट दिया था। 2019 में कई पर्वतारोहियों की मौत और ज्यादा लोगों को एवरेस्ट पर चढ़ने की परमिट देने से लगातार नेपाल आलोचना झेल रहा है। 1953 से अब तक एवरेस्ट पर 10,657 बार लोग चढ़ चुके हैं। कई लोग कई बार चढ़े हैं, वहीं 311 लोग पहाड़ चढ़ने की कोशिश में जान गंवा चुके हैं।
कामी रीता शेरपा कौन हैं
कामी रीता का जन्म 17 जनवरी 1970 को हुआ था। उनका जन्म सोलुखुम्बू गांव में हुआ था जो एक पहाड़ी इलाका है। वह अपने परिवार के साथ एक ही कमरे के घर में रहते थे। इसी गांव में तेनजिंग नोर्गे का घर हुआ करता था जिन्होंने सबसे पहली बार एडमंड हिलेरी के साथ एवरेस्ट फतह किया था। अपनी युवा अवस्था में कामी एक बौद्ध साधु बनना चाहते थे और उन्होंने एक मोनेस्टरी में अपना कुछ समय भी बिताया लेकिन बाद में उन्होंने अपना मन बदल दिया। कामी ने सबसे पहले 1992 में एवरेस्ट पर बेस कैंप के एक कुक के रूप में काम शुरू किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक 12 साल की उम्र से उन्होंने एवरेस्ट बेस कैंप पर सामान पहुंचाना शुरू कर दिया था। बाद 1994 में 24 साल की उम्र में वे पहली बार एवरेस्ट पर चढ़े और तब से लगभग हर साल दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ रहे हैं। 2019 में वह एक एडवेंचर कंपनी के ब्रांड अंबेस्डर भी रह चुके हैं।
अगर कामी के पर्सनल लाइफ की बात करें तो वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ काठमांडू में रहते हैं। वे चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़ लिख कर कोई बेहतर कैरियर चुनें जो पहाड़ों पर गाइड बनने से कम खतरनाक हो। अपने रेकॉर्ड बनाने पर उन्होंने कहा कि कई लोग रेकॉर्ड तोड़ने में लगे हैं, लेकिन हम ये रेकॉर्ड बनाने के लिए नहीं कर रहे। मैं ये सोचता हूं कि नेपाल में टूरिज्म कैसे बढ़े। हम आखिर अन्य पर्वतारोहियों का यहां कैसे बुला सकते हैं।


Next Story