नेपाली संसद द्वारा अमेरिका से मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (एमसीसी) अनुदान की पुष्टि के कुछ ही सप्ताह बाद दोनों देशों ने एक और समझौते पर दस्तखत किए हैं। इससे हिमालयी देश को सहायता में 65.9 करोड़ डॉलर की अमेरिकी सहायता मिलेगी।
काठमांडो पोस्ट ने खबर दी है कि अगले पांच वर्षों के लिए अनुदान मध्यम आय वाले देश नेपाल में विकास के लक्ष्य को समर्थन देगा। समझौते के अनुसार विकास सहायता अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) के माध्यम से दी जाएगी, जो संबंधित मंत्रालयों के सहयोग से इस समझौते के तहत परियोजनाओं पर काम करेगी।
इस कदम से चीन और काठमांडो के बीच पहले से ही दूरी के बन रहे रिश्तों में एक और विभाजन का खतरा हो सकता है। बीजिंग ने नेपाल की इस सहायता पर खुशी जताई है लेकिन कहा है कि यह मदद बिना किसी राजनीतिक बंधन के आनी चाहिए।
सियासी बाध्यता न हो : चीन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, हम अन्य देशों की संप्रभुता की कीमत पर स्वार्थी हितों पर आधारित कूटनीति और एजेंडे का विरोध करते हैं। उसने नेपाल-अमेरिकी समझौते पर सिर्फ यही कहा कि इसमें सियासी बाध्यता नहीं होनी चाहिए।