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ऐसे में अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में अचानक और अत्यधिक बारिश ने विशेषज्ञ चिंतित हैं।
नेपाल में रविवार से लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। इसमें कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई और 31 लोग लापता हो गए हैं। इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाई है। देश के गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। यही नहीं भारी बारिश के कारण देशभर के किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। धान की फसल खराब होना नेपाल की अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। अकेले धान राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 7 प्रतिशत का योगदान देता है और आधी से अधिक आबादी के लिए प्रमुख आय स्रोत है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, देश के कम से कम 11 जिलों में लोगों की मौत और लापता होने की खबर है। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कई पुल ढह गए और राजमार्ग बाधित हो गए हैं। हवाई अड्डों मे पानी घुस गया है और कई जिलों में बस्तियां डूब गई हैं। स्थानीय अधिकारियों ने बाढ़ और भूस्खलन से लोगों को बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। आमतौर पर देश में इस मौसम के दौरान इतनी बारिश नहीं होती है।
नेपाली एयरलाइंस के अधिकारियों के अनुसार, खराब मौसम की वजह से राजधानी काठमांडू से आने-जाने वाली कम से कम 100 घरेलू विमानों को बुधवार को रद करना पड़ा। लगातार बारिश और खराब मौसम की स्थिति के कारण विमानों का संचालन नहीं हो पा रहा है। गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि 31 लोग अभी भी लापता हैं। देश के कई हिस्सों में खोज और बचाव अभियान जारी है है। बता दें कि देश के अधिकतर हिस्सों में जून से सितंबर के दौरान 80 फीसद बारिश होती है । ऐसे में अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में अचानक और अत्यधिक बारिश ने विशेषज्ञ चिंतित हैं।
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