साल के पहले पखवाड़े में ही नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे के पास यात्रियों से भरा एक विमान क्रैश होकर नदी की खाई में जा गिरा था। हादसे में पांच भारतीयों समेत 71 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे की जांच के लिए गठित की गई कमेटी की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें क्रैश की वजह के बारे में जानकारी दी गई है। इस हादसे की प्राइमरी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि फ्लाइंग पायलट ने लैंडिंग के लिए कॉकपिट में लगे फ्लैप लीवर की जगह गलती से इंजन की पावर सप्लाई बंद कर दी थी। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जब एयर ट्रैफिक कंट्रोलरने लैंडिंग के लिए मंजूरी दी, तब फ्लाइंग पायलट ने दो बार कहा था कि इंजन में कोई पावर सप्लाई नहीं हो रही है। येति एयरलाइंस की फ्लाइट 691 ने काठमांडू के त्रिभुवन एयरपोर्ट से निकली थी। लैंडिंग से कुछ सेकंड्स पहले पोखरा के पुराने और नए एयरपोर्ट के बीच सेती नदी में गिर गई थी।
रिपोर्ट में लिखा है कि पायलट ने 10:56 पर लैंडिंग के लिए फ्लैप 15 का लैंडिंग गियर को नीचे कर दिया। इसके 15 सेकंड बाद फ्लाइंग पायलट ने जमीन से 721 फुट ऊपर ऑटोपायलट को डिएक्टिवेट कर दिया। 14 पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों इंजनों के प्रोपेलर्स का फैदर कंडीशन में आना दुर्लभ है। यही वजह थी कि शायद पायलट ने कंट्रोल खो दिया और प्लेन खाई में जा गिरा। खबर के मुताबिक जांच दल के एक सदस्य ने कहा कि उन्हें दुर्घटना स्थल पर लीवर को नीचे खिंचा हुआ मिला था। वे यह पता नहीं लगा सकते कि इससे पहले क्या हुआ था। साथ ही यह भी कहा कि वे डीटेल्ड रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
क्रू की लगातार तीसरी फ्लाइट थी फ्लाइट 691
नेपाल का नाम दुनिया में सबसे खराब एविएशन सेफ्टी में शुमार है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक फ्लाइट के क्रू ने 15 जनवरी की सुबह काठमांडू और पोखरा के बीच पहले दो उड़ानें भरीं थीं। हादसे वाली फ्लाइट 691 इसी क्रू की लगातार तीसरी उड़ान थी। लैंडिंग करने वाली पायलट अंजू खातीवाड़ा थीं, जो एयरलाइन की छह महिला पायलटों में से एक थीं। उनके पति दीपक पोखरेल भी 2006 में एक दुर्घटना में मारे गए थे। अंजू के साथ एक ट्रेनी पायलट भी था।