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कुल मिलाकर न्यायपालिका में विसंगतियों, अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।
नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने वकीलों के दो गुट आपस में भिड़ गए। हाथापाई में कुछ लोगों को मामूली चोटें भी आई हैं। यह हाथापाई मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा के समर्थक और विरोधी गुटों के बीच हुई। पुलिस ने मुख्य न्यायाधीश के समर्थक पांच वकीलों को गिरफ्तार कर लिया है।
नेपाल में करीब दो हफ्तों से मुख्य न्यायाधीश के इस्तीफे की मांग को लेकर नेपाल बार एसोसिएशन आंदोलन छेड़े हुए हैं। वकीलों का बड़ा वर्ग एसोसिएशन के साथ है। सुप्रीम कोर्ट के 19 में से 18 न्यायाधीश भी बार एसोसिएशन की मांग के समर्थन में हैं। मुख्य न्यायाधीश के कुछ फैसलों पर सवाल उठाते हुए वकील और न्यायाधीश उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। बार एसोसिएशन ने अपनी मांग के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना दे रखा है। वहीं पर मुख्य न्यायाधीश समर्थकों ने भी धरना देने की कोशिश की। इस पर उनकी विरोधी गुट से पहले कहा-सुनी और उसके बाद हाथापाई हो गई।
मानवाधिकार संगठनों और तटस्थ लोगों ने जनहित में सुप्रीम कोर्ट में बने गतिरोध को जल्द खत्म करने की मांग की है। कहा है कि आंदोलन के चलते सुप्रीम कोर्ट का कामकाज ठप है जिससे जनहित के कई मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। कई मामलों में लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। इन लोगों ने नेपाल की न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने के लिए गतिरोध को जल्द दूर किए जाने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं और न्यायाधीशों ने नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख पर हेराफेरी का आरोप लगाते हुए सितंबर के अंत से सीजे राणा के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था। आंदोलनकारी अधिवक्ताओं और न्यायाधीशों ने मुख्य न्यायाधीश राणा पर बेंच शापिंग का भी आरोप लगाया है, जिसका अर्थ है कि किसी एक पक्ष के लिए अनुकूल निर्णय लेने के उद्देश्य से सुनवाई की गई थी। आरोप ये भी हैं कि कोर्ट सुधार का कोई काम करने में नाकाम रही है। कुल मिलाकर न्यायपालिका में विसंगतियों, अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।
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