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नेपाल स्वास्थ्य मंत्री का कोरोना वैक्सीनेशन पर बयान-'तमाम देशों के लिए बन गई है राजनीतिक हथियार'

Deepa Sahu
30 Jan 2021 2:14 PM GMT
नेपाल स्वास्थ्य मंत्री का कोरोना वैक्सीनेशन पर बयान-तमाम देशों के लिए बन गई है राजनीतिक हथियार
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नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री के एक बयान से दुनिया भर में चल रहे

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री के एक बयान से दुनिया भर में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन और वैक्सीन को लेकर चल रही राजनीतिक जोड़-तोड़ का खुलासा हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी ने साफ कहा है कि नेपाल में वैक्सीन के नाम पर अपने नागरिकों पर प्रयोग करने की छूट नहीं दी जा सकती, साथ ही वैक्सीन लेने के लिए जिस तरह दुनिया भर के देश राजनीतिक जोड़तोड़ का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह सही नहीं है।

हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि नेपाल को भी मजबूरी में उन्हीं रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है और अपने देश के नागरिकों के लिए प्रामाणिक वैक्सीन मंगवाने के लिए राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 'वैक्सीन' दुनिया के तमाम देशों के लिए एक राजनीतिक हथियार बन गई है।
भरतपुर के अस्पताल में वैक्सीनेशन कैंपेन का जायजा लेने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री त्रिपाठी ने कहा कि दुनिया में कुछ ही कंपनियां वैक्सीन बना रही हैं और इसे हासिल करने के लिए तमाम देश राजनीतिक जोड़-तोड़ का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमें भी मजबूरी में अपने राजनीतिक संबंधों और कूटनीतिक रिश्तों का इस्तेमाल करके वैक्सीन मंगवानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि पहले चरण के बाद अब दूसरे चरण के लिए वैक्सीन की खेप मंगवाने की तैयारी चल रही है। उन्होंने ये भी कहा कि हम अपनी जनता पर दवाइयों या वैक्सीन का प्रयोग करने की इजाजत नहीं दे सकते। जब तक वैक्सीन की प्रामाणिकता साबित नहीं हो जाती, हम इसके इस्तेमाल की मंजूरी नहीं देंगे।

त्रिपाठी ने कहा है कि उनकी पहली प्राथमिकता देश के हर नागरिक के लिए प्रामाणिक वैक्सीन उपलब्ध कराना है। इसके अलावा वो हर छोटे से छोटे इलाके में एक अस्पताल बनवाना चाहते हैं, साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों का एक पूल भी बनाना चाहते हैं, जिससे हर बड़े और छोटे इलाके में समान स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
इस समय नेपाल जिस उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है, उसमें प्रशासनिक तौर पर कामकाज को सुचारू तरीके से चला पाना आसान नहीं रह गया है। कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन, प्रधानमंत्री ओली की मनमानियों और अंदरूनी संकट के बीच फंसे इस देश में राजनीतिक उथल-पुथल के साथ ही आम लोगों की मुश्किलें भी कम होने का नाम नहीं ले रहीं। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री के दावों को विपक्षी पार्टियां बहुत गंभीरता से नहीं रही हैं और इसे महज एक औपचारिक बयानबाजी करार दे रही हैं।


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