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जिसमें उसने लिपुलेख होकर सड़क के निर्माण का विरोध किया था.
नेपाल सरकार ने रविवार को एक बार फिर दोहराया कि लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी देश के 'अभिन्न अंग' हैं और भारत से अपील की कि क्षेत्र में सभी निर्माण गतिविधियां बंद कर दे. साथ ही कहा कि वह कूटनीति के जरिए सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है.
भारतीय दूतावास ने दिया था ये बयान
काठमांडू में भारतीय दूतावास द्वारा एक बयान जारी करने के एक दिन बाद यह टिप्पणी आई है. बता दें कि भारतीय दूतावास ने कहा था कि नेपाल के साथ सीमा को लेकर भारत का रुख 'सर्वविदित, सुसंगत है और स्पष्ट है. इस बारे में नेपाल की सरकार को बता दिया गया है.'
तीनों क्षेत्रों को बताया नेपाल का अंग
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ज्ञानेंद्र बहादुर कर्की (Gyanendra Bahadur Karki) ने रविवार को कहा कि नेपाल सरकार 'इस तथ्य को लेकर दृढ़ और स्पष्ट है कि महाकाली नदी के पूर्व में स्थित लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी क्षेत्र नेपाल का अभिन्न अंग हैं.'
भारत सरकार से की अपील
नेपाल सरकार के प्रवक्ता कर्की ने कहा, 'नेपाल की सरकार भारत सरकार से अपील करती है कि वह नेपाली क्षेत्र से होकर गुजरने वाली सड़कों का निर्माण एवं विस्तार जैसे सभी एकतरफा कदम रोक दे.'
समझौते और नक्शे के आधार पर होगी संधि?
मंत्री ने कहा कि नेपाल की सरकार 'दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का समाधान ऐतिहासिक संधि, समझौते, दस्तावेजों और मानचित्र और नेपाल तथा भारत के बीच निकट एवं दोस्ताना संबंधों के मुताबिक करने के लिए प्रतिबद्ध है.'
ऐसे समय में आई टिप्पणी
गौरतलब है कि लिपुलेख में भारत द्वारा सड़क निर्माण के खिलाफ नेपाल में प्रदर्शन के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है. सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया था, जिसमें उसने लिपुलेख होकर सड़क के निर्माण का विरोध किया था.
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