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बेहाल हुआ नया पाकिस्तान
इस्लामाबाद, एएनआइ: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में पाकिस्तान को विभिन्न स्रोतों से कर्ज लेने के प्रति चेताया गया है। इससे इस देश के सामने विभिन्न प्रकार की राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियां खड़ी हो जाएंगी। दरअसल, पाकिस्तान खुद को दिवालिया घोषित होने से बचाने के लिए लगातार कर्ज ले रहा है। पाकिस्तान ने पिछले छह महीनों में 10.4 अरब डालर का कर्ज लिया है, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 78 फीसद अधिक था। डान की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान अगर ऐसे ही विभिन्न स्रोतों से कर्ज लेता रहा तो उसे विकास के लिए मिलने वाला कर्ज कम होता जाएगा।
असंतुलन को दूर करने लिए संघर्ष
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की प्रकाशित निवेश रिपोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, औद्योगिक विकास आदि क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी की कोशिशें नाकाम होती जा रही हैं। पाकिस्तान लगातार बढ़ते चालू खाते के असंतुलन को दूर करने और स्थिरता बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक मामलों के मंत्रालय के हवाले से बताया गया कि चालू वित्त वर्ष के जुलाई-दिसंबर के दौरान सकल विदेशी ऋण 9.3 अरब डालर रहा।
नया पाकिस्तान प्रमाण पत्र के जरिए कर्ज
केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान को विदेशी पाकिस्तानियों से नया पाकिस्तान प्रमाण पत्र के जरिये 1.1 अरब डालर का विदेशी कर्ज मिला। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में संचित सकल विदेशी कर्ज पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.5 अरब डालर या 78 फीसद अधिक था। सरकार का मानना है कि वो पुराने कर्ज को चुकाने के लिए विदेशी कर्ज ले रही है।
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