नवाज शरीफ एक बार फिर प्रमुख जनरल बाजवा पर साधा निशाना, लगाया जनादेश चोरी का आरोप
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | क्वेटा: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा पर निशाना साधा है। शरीफ ने बाजवा पर जनादेश चोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने इमरान खान को आवाम के मैंडेट के खिलाफ जाकर प्रधानमंत्री बनाया है। इसका उन्हें लोगों को जवाब देना होगा। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने क्वेटा में विपक्षी दलों के तीसरे सबसे बड़े सरकार विरोधी जलसे में हिस्सा लेने के दौरान ये बातें कहीं।
शरीफ ने कहा कि तबाही और बरबादी के इल्जाम के छीटे पाकिस्तानी फौज के जवानों और अफसरों की वर्दी पर न पड़ें, इसलिए वह इसके लिए सभी जिम्मेदार किरदारों का नाम लेंगे। उन्होंने कहा कि आज तमाम सवालों के जवाब फौज को नहीं जनरल कमर जावेद बाजवा को देने हैं और जनरल फैज हमीद को देने हैं। शरीफ ने कहा, 'जनरल बाजवा साहब, आपको साल 2018 के इलेक्शन में पाकिस्तान की तारीख की सबसे बड़ी धांधली और आवाम के मैंडेट की चोरी का हिसाब देना है। आपको अरकान-ए-पार्लियामेंट (प्रधानमंत्री) की हॉर्सट्रेडिंग का हिसाब देना है।'
बाजवा से मांगा हुकूमत की नाकामियों का हिसाब
पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ ने आरोप लगाते हुए कहा, 'बाजवा साहब, आपको आईन (संविधान) और कानून की धज्जियां बिखेरते हुए इमरान नियाजी (इमरान खान) को आवामी मैंडेट के खिलाफ वजीरे-आजम (प्रधानमंत्री) बनाने का हिसाब देना है। आपको इस हुकूमत की तमाम नाकामियों का हिसाब देना है। आपको इस कौम को महंगाई, गुरबत और फाकाकशी की तरफ धकेलने का भी हिसाब देना है।'
इमरान सरकार के खिलाफ लामबंद हैं विरोधी दल
शरीफ ने बाजवा पर निशाना साधता हुए कहा कि उन्हें इसका भी जवाब देना है कि उन्होंने क्यों एक जज के घर पर जाकर उन पर कानून और आईन (संविधान) के खिलाफ फैसला करने का दबाव डाला। गौरतलब है कि पड़ोसी देश में इमरान खान की सरकार के खिलाफ विपक्ष के 11 दल लामबंद हैं। उन्होंने बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में तीसरा सरकार विरोध जलसा आयोजित किया है। इस जलसे में विपक्षी दल के बड़े-बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया।
बता दें कि सितंबर 2020 में इमरान खान सरकार के खिलाफ पाकिस्तान की बड़ी विपक्षी पार्टियों ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का गठन किया था। इस महागठबंधन ने इससे पहले गुजरानवाला और कराची में भी सरकार विरोधी सफल जलसा आयोजित किया था।