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नवाज शरीफ अपनी सरकार होने के बाद भी पाकिस्तान आने से डर रहे हैं, उनके लिए संसद के जरिए की जा ये बड़ी तैयारी

Renuka Sahu
8 Aug 2022 4:42 AM GMT
Nawaz Sharif is afraid of coming to Pakistan even after having his government, this big preparation should be done for him through Parliament
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फाइल फोटो 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ स्वदेश वापस आने की राह देख रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ स्वदेश वापस आने की राह देख रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वो देश में अपनी ही सरकार होने के बावजूद ऐसा करने से डर रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि उन्हें भला किस बात का डर है। इसका जवाब हमारे पास है। उन्‍हें दो बातों का सबसे बड़ा डर सता रहा है।इन दोनों ही डर के पीछे सबसे बड़ी वजह सुप्रीम कोर्ट है। दरअसल, पनामा पेपर लीक मामले में कोर्ट से उन्‍हें आजीवन संसद सदस्‍य बनने से बैन करने और पाकिस्‍तान वापस आने पर गिरफ्तार करने का डर है।

पनामा पेपर लीक मामला
आपको बता दें कि पनामा पेपर लीक मामले में ही कोर्ट ने उन्‍हें अयोग्‍य करार दिया था, जिसके बाद उन्‍हें अपना पीएम पद त्‍यागना पड़ा था। इसके बाद इस मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी। बाद में उन्‍हें हाईकोर्ट के आदेश के बाद चार सप्‍ताह के लिए मेडिकल ग्राउंड पर लंदन इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर किया गया था। तभी से वो स्‍वेच्‍छा से लंदन में निर्वासित हैं।
नवाज की वापसी की अड़चनों को साफ करने की कवायद
अब शहबाज शरीफ की सरकार और पीएमएल-एन उनकी वापसी में आने वाली हर अड़चन को साफ कर देना चाहती है। देश में होने वाले आम चुनाव से पहले इन दोनों अड़चनों को साफ करना उसके लिए बड़ी चुनौती है। पीएमएल-एन को उम्‍मीद है कि नवाज जल्‍द ही उनके बीच होंगे। नवाज की वापसी में आने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए अब सरकार संसद का सहारा लेना चाहती है।
संसद के जरिए की जाएगी कोशिश
गठनबंधन सरकार जल्‍द ही संसद में एक संशोधन प्रस्‍ताव लाने की कोशिश में है। इस प्रस्‍ताव में पनामा पेपर लीक मामले में नवाज शरीफ के खिलाफ आए सुप्रीम कोर्ट के दोनों फैसलों को सरकार पलट देना चाहती है। इस बीच फरवरी 2021 में नवाज के पासपोर्ट की अवधि पूरी होने के बाद शहबाज शरीफ ने उन्‍हें एक नया पासपोर्ट इस वर्ष अप्रैल में इश्‍यू करवाया है।
इमरान खान बन सकते हैं समस्‍या
इस राह में उसके लिए सबसे बड़ी परेशानी इमरान खान की पीटीआई पार्टी है। इसलिए सरकार हर कदम को बड़ी सावधानी के साथ उठाना चाहती है। वो ऐसा कतई नहीं चाहेगी कि आने वाले चुनाव में इमरान खान नवाज शरीफी की वापसी के लिए लाए गए प्रस्‍ताव को गलत ठहराकर या उनकी वापसी के बाद दोबारा कानूनी सहारा लेकर पीएमएल-एन और पीपीपी समेत सरकार में शामिल दूसरी पार्टियों के लिए मुश्किल पैदा करें।
गृह मंत्री राणा सनाउल्‍लाह का बयान
हालांकि सरकार के गृह मंत्री राणा सनाउल्‍लाह ने साफ कर दिया है कि सरकार संशोधन प्रस्‍ताव के जरिए नवाज की वापसी की राह में आई अड़चनों को दूर कर देना चाहती है। उनका कहना है कि देश की संसद को नवाज पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को पलटने का अधिकार है। इसके लिए प्रस्‍ताव को पास कराना होगा। इमरान खान की बेटी मरियम नवाज ने भी उम्‍मीद जताई है कि उनके पिता जल्‍द ही उनके बीच वापस होंगे।
शहबाज के पीएम बनने पर नवाज की वापसी पर बल
आपको बता दें कि शहबाज के पीएम बनने के बाद ही नवाज की वापसी की अटकलों को भी जोर मिला है। इमरान खान को पीएम पद से हटाने के बाद पीएमएल-एन के बीच नवाज की वापसी को लेकर काफी उम्‍मीदें बंध गई है। पार्टी के कई सदस्‍यों का कहना है कि आम चुनाव से पहले उनकी वापसी पार्टी में नई जान फूंकने जैसी होगी। पार्टी सदस्‍यों का कहना है कि आम चुनाव में जीत के लिए उनकी वापसी बेहद जरूरी है।
इमरान को नवाज ही दे सकते हैं टक्‍कर
पाकिस्‍तान मीडिया ने पीएमएल-एन के सूत्रों के हवाले से बताया है कि शहबाज शरीफ या मरियम नवाज, नवाज शरीफ की कमी को मिलकर भी पूरा नहीं कर सकते हैं। देश में उनकी जो छवि है उस पर कोई दूसरा व्‍यक्ति खरा नहीं उतरता है। चुनाव के मैदान में इमरान खान को केवल नवाज शरीफ ही कड़ी चुनौती दे सकते हैं। राणा सनाउल्‍लाह ने एक इंटरव्‍यू के दौरान कहा है कि आम चुनाव में कैंपेन का प्रमुख चेहरा नवाज ही होंगे। पीएमएल-एन सदस्‍य जावेद लतीफ का कहना है कि नवाज सितंबर में स्‍वदेश वापस आ सकते हैं।
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