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कारगिल युद्ध में मदद मांगने और PM की कुर्सी बचाने के लिए नवाज शरीफ अपने परिवार समेत पहुंचे थे अमेरिका, जानिए क्या कहा?

Neha Dani
26 July 2021 3:27 AM GMT
कारगिल युद्ध में मदद मांगने और PM की कुर्सी बचाने के लिए नवाज शरीफ अपने परिवार समेत पहुंचे थे अमेरिका, जानिए क्या कहा?
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जब पाकिस्तानी सेना पीछे हटेगी. शरीफ के साथ हो रही वार्ता के दौरान भी क्लिंटन वाजपेयी को फोन पर खबर दे रहे थे.

हर साल 26 जुलाई को देश में करगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है. करगिल युद्ध (Kargil War) में भारत को पाकिस्तान से मिली जीत के आज 22 साल पूरे हो गए हैं. पाकिस्तान (Pakistan) के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की जानकारी के बिना तत्कालीन पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) द्वारा संघर्ष को अंजाम दिया गया था. कारगिल युद्ध में मदद मांगने और पीएम की कुर्सी बचाने के लिए नवाज शरीफ अपने परिवार के साथ अमेरिका गए थे. जहां तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भी शरीफ को दो टुक कह दिया था कि पाकिस्तान को सेना हटानी ही होगी.

भारत-पाकिस्तान संबंधों की विशेषज्ञ और अमेरिकी राजनयिक रहीं टेरेसिटा शैफर ने 1999 की घटनाओं पर कई जानकारियां शेयर की हैं. दैनिक भास्कर से खास बातचीत में टेरेसिटा शैफर ने करगिल युद्ध में चीन और अमेरिका के रूख पर बात की हैं.
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टेरेसिटा शैफर बताती हैं, '4 जुलाई, 1999 का वो दिन जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मिलने आए थे. वो करगिल युद्ध के दौरान अमेरिका से मदद मांगने आए थे. अमेरिका में 4 जुलाई स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है और आश्चर्यजनक था कि क्लिंटन ने आधा दिन शरीफ के साथ बिताया था.'
शैफर बताती हैं, 'नवाज शरीफ चाहते थे कि अमेरिका उनकी मदद करे. लेकिन क्लिंटन ने साफ कह दिया था कि पहले पाकिस्तान को करगिल में पीछे हटना होगा. उसके बाद ही कोई और बातचीत होगी. पहले ही भारतीय सेना के तेवरों से पाकिस्तान लगभग पस्त हो चुका था. अमेरिका के सामने सबसे बड़ा प्रश्न था कि कहीं यह युद्ध परमाणु युद्ध में न बदल जाए.'
टेरेसिटा शैफर कहती हैं, 'पाकिस्तान चकित था कि अमेरिका ने साथ नहीं दिया. भारत हैरान था कि अमेरिका तथ्यों के आधार पर पाकिस्तान के खिलाफ था. इससे साफ था कि नवाज शरीफ और जनरल परवेज मुशर्रफ में तनाव बहुत ज्यादा था. मैं तब हैरान हुई जब पाकिस्तानी फॉरेन ऑफिस के उच्चाधिकारी ने कहा कि शरीफ को करगिल युद्ध के बारे में ज्यादा तफसील से नहीं बताया गया था क्योंकि मामला बड़ा सेंसिटिव था.'
चीन से भी नहीं मिली मदद
पाकिस्तान के हवाले से खबर ये थी कि शरीफ 6 दिनों तक चीन में रहेंगे. मगर चीन ने भी पाकिस्तान की मदद नहीं की. शरीफ की चीन यात्रा डेढ़ दिन में ही सिमट गई. भारत, चीन, यूरोप सब अटल बिहारी वाजपेयी के पक्ष में थे. उनका कहना था कि भारत सीजफायर तभी करेगा, जब पाकिस्तानी सेना पीछे हटेगी. शरीफ के साथ हो रही वार्ता के दौरान भी क्लिंटन वाजपेयी को फोन पर खबर दे रहे थे.

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