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श्रीलंका के अधिकारी आग लगने के बाद आंशिक रूप से डूबे सिंगापुर के स्वामित्व वाले पोत से संभावित तेल रिसाव को रोकने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
श्रीलंका के अधिकारी आग लगने के बाद आंशिक रूप से डूबे सिंगापुर के स्वामित्व वाले पोत से संभावित तेल रिसाव को रोकने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि श्रीलंकाई नौसेना, श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण और भारतीय तटरक्षक जले हुए पोत से तेल के रिसाव का पता लगाने और उसे रोकने के लिए काम कर रहे हैं।
'एक्स-प्रेस पर्ल' पोत का पिछला हिस्सा 21 मीटर गहरे उथले तल में फंसा है
अधिकारियों ने बताया कि पोत 'एक्स-प्रेस पर्ल' अब भी पानी में आधा डूबा हुआ है जिसका पिछला हिस्सा 21 मीटर की गहराई में उथले तल में फंस गया है। श्रीलंकाई नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन इंडिका डीसिल्वा ने बताया कि पोत जब नदी तल से टकरा जाए तो उसे कुछ सौ मीटर की दूरी तक खींच कर लाया जा सकता है।
जहाज का पिछला हिस्सा नीचे लग गया है जबकि आगे का हिस्सा पानी के ऊपर है। अभियान टीम ने कहा कि अब भी यह साफ नहीं है कि पोत में 20 मई को लगी आग के बाद से उसमें रखा गया पोतों में इस्तेमाल होने वाला 300 टन बंकर तेल प्रभावित हुआ है या नहीं। इस पोत से चालक दल के दो भारतीयों समेत सभी 25 लोगों को बचा लिया गया है।
मदद को भारतीय पोत तैयार
समुद्री पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण (एमईपीए) की अध्यक्ष दर्शनी लहंदपुरा ने कहा कि राहत कार्य करने वाले को वहां किसी भी तरह के रिसाव को रोकने की सलाह दी गई है। उन्हें कहा गया है कि वे रिसाव को रोकने के लिए बचाव उपाय भी करें। उन्होंने कहा, भारतीय तटरक्षक पोत यहां हैं। वे मदद के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनके पास संसाधन भी हैं। हालांकि तेल रिसाव का अब तक कोई संकेत नहीं मिला है।
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