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रूस के खिलाफ यूक्रेन के साथ खड़ा है NATO, यूक्रेन को मिसाइल और एंटी-टैंक हथियार देने का किया वादा

Subhi
1 March 2022 1:43 AM GMT
रूस के खिलाफ यूक्रेन के साथ खड़ा है NATO, यूक्रेन को मिसाइल और एंटी-टैंक हथियार देने का किया वादा
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में लगभग सभी देश यही चाहते हैं कि यह युद्ध रुख जाए और फिर शांति स्थापित हो. अब तक कई देश युद्ध को बातचीत के माध्यम से खत्म करने की अपील कर चुके हैं.

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में लगभग सभी देश यही चाहते हैं कि यह युद्ध रुख जाए और फिर शांति स्थापित हो. अब तक कई देश युद्ध को बातचीत के माध्यम से खत्म करने की अपील कर चुके हैं. लेकिन NATO यूक्रेन की तरफ से खड़ा है. NATO में शामिल सभी देश यूक्रेन की तरफ से आवाज उठा रहे हैं और रूस के हमलों की आलोचना कर रहे हैं. आज सोमवार को NATO ने खुलकर रूस की खिलाफत करने का ऐलान कर दिया है.

NATO से बढ़ेगी यूक्रेन की सैन्य ताकत

NATO संगठन ने रूस के खिलाफ यूक्रेन को एयर-डिफेंस मिसाइल और ऐंटी-टैंक हथियार देने की घोषणा की है. NATO के चीफ जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने एक ट्वीट में कहा कि हमने यूक्रेन के राष्ट्रपति से इस बारे में बात की है. हम जल्दी ही यूक्रेन को एयर डिफेंस मिसाइल और ऐंटी-टैंक हथियार मुहैया कराएंगे.

NATO चीफ ने दूसरे देशों के नेताओं से भी यूक्रेन के पक्ष में आने की अपील की है. उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि उनकी लिथुआनिया के राष्ट्रपति से बात हुई है, जिसमें रूस के आक्रामण के बाद बिगड़े हालात पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि NATO ने बाल्टिक देशों में अपनी ताकत को बढ़ाने का फैसला लिया है. उन्होंने रूस को कड़ी चुनौती देते हुए कहा कि हम अपने सहयोगियों और उनकी एक-एक इंच जमीन की रक्षा करेंगे.

1949 में हुई है NATO की स्थापना

उत्तरी अमेरिका और यूरोपीय देशों के सैन्य संगठन को उत्तर अटालांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Orgnization or NATO) कहते है. 1949 में इसे बनाया गया था. इस संगठन का उद्देश्य इसके सदस्यों की राजनीतिक और सैन्य ताकत को बढ़ावा देना जिससे कि उन्हें स्वतंत्रता और सुरक्षा की गारंटी मिल सके. दूसरे विश्व युद्ध के बाद बने इस संगठन का उस समय मुख्य उद्देश्य सोवियत संघ के बढ़ते दायरे को सीमित करना था. नाटो जब बना तो अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड्स, नॉर्वे और पुर्तगाल इसके 12 संस्थापक सदस्य थे. वर्तमान में इसके सदस्यों (NATO Countries) की संख्या 30 है. नॉर्थ मैसेडोनिया साल 2020 में इसमें शामिल हुआ है.

नाटो देता है सदस्यों को सुरक्षा का आश्वासन

NATO अपने सभी सदस्य देशों के लिए खुले दरवाजे की नीति अपनाता है. खुले दरवाजे की नीति के तहत इसमें कोई भी यूरोपीय देश शामिल हो सकता है इसके लिए कुछ नियम हैं. पहला और सबसे महत्वपूर्ण यह कि NATO का सदस्य बनने के लिए यूरोपीय देश होना जरूरी है. हालांकि, अपना दायरा बढ़ाने के लिए NATO ने कई अन्य देशों से भी संपर्क बढ़ाया है. अल्जीरिया, मिस्र, जॉर्डन, मोरक्को और ट्यूनिशिया भी नाटो के सहयोगी हैं.

यूक्रेन और NATO की बढ़ती करीबी के खिलाफ रूस

बता दें कि यूक्रेन के NATO में शामिल होने की चर्चा नई नहीं बल्कि बहुत पुरानी है. मौजूदा हालत में यूक्रेन ने NATO में शामिल होने का पूरा मन भी बना लिया है. NATO में शामिल होते ही यूक्रेन की सैन्य ताकत बढ़ जाएगी और सीमाओं पर NATO देशों की सेनाओं की तैनाती हो जाएगी. यूक्रेन अगर NATO में शामिल हो गया तो रूस चारों तरफ से अपने दुश्मन देशों से घिर जाएगा. यही कारण है कि रूस NATO से चिढ़ता है और नहीं चाहता है कि यूक्रेन इसमें शामिल हो.


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