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नाटो ने आठ ''अघोषित'' रूसी खुफिया अधिकारियों को किया निष्कासित, बढ़ा तनाव

Neha Dani
7 Oct 2021 2:09 AM GMT
नाटो ने आठ अघोषित रूसी खुफिया अधिकारियों को किया निष्कासित, बढ़ा तनाव
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अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापना सहित कई मुद्दों पर व्यावहारिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए सहमति बनी है।

नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) ने अपने मुख्यालय में स्थित रूसी मिशन के आठ अधिकारियों को बुधवार को निष्कासित कर दिया। इन अधिकारियों को जासूसी करने के आरोप में निष्कासित किया गया है। रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन और रूसी विदेश मंत्रालय ने नाटो की इस कार्रवाई पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की है।

नाटो अमेरिका के नेतृत्व वाला दुनिया सबसे बड़ा सैन्य गठबंधन है जिसका मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में है। स्काई न्यूज के अनुसार नाटो ने यह कार्रवाई रूसी अधिकारियों की हत्याओं और जासूसी की घटनाओं में संलिप्तता के चलते की है। रूस और पश्चिमी देशों के संबंध पिछले कई वर्षो से तनावपूर्ण चल रहे हैं। क्रीमिया पर कब्जा करने, इसके बाद 2016 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने और इसके बाद ब्रिटेन में रह रहे डबल एजेंट सर्गेई स्कि्रपल और उनकी बेटी पर जहरीला पदार्थ डालकर हत्या का प्रयास किए जाने से यह तनाव बढ़ता चला गया। रूसी संसद के निचले सदन के स्पीकर लियोनिद लुत्सकी ने संकेत दिया है कि जल्द ही रूस भी जवाबी कदम उठाएगा।
इसी बीच नाटो ने मास्को स्थित अपने मिशन के सदस्यों की संख्या भी घटाकर आधी कर दी है। अब नाटो के दस अधिकारी ही मास्को में कार्य करेंगे। नाटो अधिकारी ने कहा है कि रूस की आक्रामक गतिविधियों के खिलाफ नाटो अपनी प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखेगा।
इसके अलावा पिछले दिनों चीन और नाटों के अधिकारियों ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की थी। चीन के शीर्ष राजनयिक ने क्षेत्रीय नीतियों को लेकर बीजिंग और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच लंबे समय से चली आ रही असहमति के बीच अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने के लिए नाटो प्रमुख के साथ वर्चुअल बैठक की थी।
चीनी विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस बारे में हुई चर्चा सकारात्मक रही है। बयान के अनुसार, विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) और नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने पिछले दिन साझा चिंता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए यह जानकारी दी। हालांकि, चीनी अधिकारियों ने इस वार्ता के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी थी।
बता दें कि बीजिंग ने लंबे समय से अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो बलों की उपस्थिति का विरोध किया है। बीजिंग की तरफ से दो अधिकारी ने बताया कि चीन और नाटो के बीच आतंकवाद, समुद्री डकैती, साइबर सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापना सहित कई मुद्दों पर व्यावहारिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए सहमति बनी है।


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