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रूस-यूक्रेन युद्ध पर NATO चीफ ने दिया हैरान करने वाला बयान, बढ़ सकती है दुनिया की चिंता

Subhi
20 Jun 2022 1:13 AM GMT
रूस-यूक्रेन युद्ध पर NATO चीफ ने दिया हैरान करने वाला बयान, बढ़ सकती है दुनिया की चिंता
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यूक्रेन में चार महीने से जारी भीषण युद्ध का दोनों पक्षों की सेनाओं के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और कई जगहों पर सैनिक अपने अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं

यूक्रेन में चार महीने से जारी भीषण युद्ध का दोनों पक्षों की सेनाओं के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और कई जगहों पर सैनिक अपने अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं या फिर उनके खिलाफ विद्रोह भी कर रहे हैं. ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को यह बात कही. इस बीच, नाटो प्रमुख ने कहा कि यह युद्ध 'वर्षो' तक जारी रह सकता है.

बढ़ रहा है रूस और यूक्रेन का मनोबल

युद्ध पर रोजाना जारी होने वाली रिपोर्ट में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'दोनों पक्षों की लड़ाकू टुकड़ियां डोनबास में भीषण युद्ध में शामिल हैं और उनके मनोबल में बदलाव आने का अनुमान है.' इसमें कहा गया है, 'ऐसी आशंका है कि हाल के सप्ताह में सैनिकों ने यूक्रेन की सेना का साथ भी छोड़ा है.' इसमें कहा गया है 'रूस के मनोबल में ज्यादा परेशानी आने की संभावना है.'

सैनिकों के बीच रोज हो रहे विवाद

इस डेली रिपोर्ट में कहा गया है कि 'रूसी सैनिकों की पूरी इकाई द्वारा आदेश मानने से इनकार किए जाने और अधिकारियों तथा सैनिकों के बीच सशस्त्र संघर्ष की घटनाएं लगातार हो रही हैं.' वहीं दूसरी ओर, यूक्रेन के मुख्य खुफिया निदेशालय ने रूसी सैनिकों की फोन कॉल इंटरसेप्ट करने दावा किया है जिसमें रूसी सैनिक मोर्चे के मौजूदा हालात, खराब उपकरणों और सैनिकों की कमी आदि की शिकायत कर रहे हैं. यह रिपोर्ट 'इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वार' द्वारा जारी की गई है.

सालों तक जारी रह सकता है युद्ध

जर्मनी की साप्ताहिक पत्रिका 'बिल्ड एम सोनताग' में रविवार को प्रकाशित साक्षात्कार में नाटो के महासचिव जेन स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि किसी को नहीं पता कि युद्ध कितना लंबा चल सकता है, 'हमें इसके वर्षों तक जारी रहने के हिसाब से तैयार रहना होगा.' उन्होंने सहयोगियों से अनुरोध किया कि खर्च ज्यादा आने के बावजूद वे यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता में कमी न करें. सिर्फ सैन्य सहायता के लिए नहीं बल्कि ऊर्जा और खाद्यान्न की कीमतों में हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए भी इसे जारी रखें.

इटली और जर्मनी में गैस का संकट

हाल के दिनों में रूस की गैस कंपनी 'गाजप्रोम' ने यूरोप के अपने दो बड़े यूरोपीय ग्राहकों जर्मनी और इटली को गैस की आपूर्ति कम कर दी है. इटली के संदर्भ में आशा की जा रही है कि ऊर्जा स्थिति को लेकर अधिकारी इस सप्ताह मंथन करेंगे. इटली की ऊर्जा कंपनी 'ईएनआई' के प्रमुख ने शनिवार को कहा था कि अन्य स्रोतों से अतिरिक्त आयात की सहायता से इटली सर्दियों तक गुजारा कर सकता है, लेकिन उन्होंने चेताया कि इटलीवासियों को जरूरत पड़ने पर गैस का कम इस्तेमाल करने के लिए तैयार रहना चाहिए.

जर्मनी ने की संकट से निपटने की तैयारी

जर्मनी के आर्थिक मामलों के मंत्री ने रविवार को कहा कि रूस से आपूर्ति में कमी के बाद गैस की कमी को ध्यान में रखते हुए जर्मनी बिजली उत्पादन में गैस के उपयोग को कम करेगा. जर्मनी पहले से ही सर्दियों के मद्देनजर अन्य स्रोतों से गैस का भंडारण करने में जुटा हुआ है. आर्थिक मामलों के मंत्री रॉबर्ट हाबेक ने कहा कि जर्मनी बिजली उत्पादन में कोयले का उपयोग बढ़ाकर गैस की कमी की पूर्ति करने का प्रयास करेगा. उन्होंने कहा, 'यह तकलीफदेह है (क्योंकि कोयले से ज्यादा प्रदूषण होता है) लेकिन गैस की खपत कम करने के लिए यह आवश्यक है.'


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