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NASA का अंतरिक्ष यान धरती पर नमूने लाने पहुंचा क्षुद्र ग्रह, सौरमंडल की उत्पत्ति के कई राज होंगे उजागर

Deepa Sahu
21 Oct 2020 4:19 PM GMT
NASA का अंतरिक्ष यान धरती पर नमूने लाने पहुंचा क्षुद्र ग्रह, सौरमंडल की उत्पत्ति के कई राज होंगे उजागर
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा स्पेस में नई-नई खोज के लिए काम करती रहती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा स्पेस में नई-नई खोज के लिए काम करती रहती है। इसी दिशा में अब नासा एक नए क्षुद्र ग्रह तक पहुंचकर वहां के नमूने लेने की कोशिश में है। इसके लिए नासा का अंतरिक्ष यान मंगलवार को पहली बार किसी क्षुद्र ग्रह के करीब पहुंचा है। यान अध्ययन के लिए क्षुद्र ग्रह के नमूने लेकर धरती पर लौटेगा।

जापान द्वारा क्षुद्र ग्रह के नमूने लाने के बाद अमेरिका यह उपलब्धि हासिल करने वाला दूसरा देश बन जाएगा। यूनिर्सिटी ऑफ एरिजोना के प्रमुख वैज्ञानिक दांते लॉरेत्ता ने कहा, ''मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमने ऐसा किया है। अंतरिक्ष यान वह हर काम कर रहा है, जो किया जाना चाहिए।''

वैज्ञानिकों के चेहरे खिल उठे

ओसीरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान ने धरती से 20 करोड़ मील दूर बेन्नू क्षुद्र ग्रह पर उतरने के संकेत दिए, तो इस मिशन से जुड़ी टीम के चेहरे पर खुशी छा गई। वैज्ञानिकों को करीब एक हफ्ते का समय यह पता लगाने में लगेगा कि क्या यान नमूना एकत्र करने में कामयाब हुआ है या दोबारा कोशिश करनी होगी। अगर यह सफल होता है, तो वर्ष वर्ष 2023 में यान नमूना लेकर धरती पर लौटेगा।

परियोजना पर एक अरब डॉलर का खर्च

नासा की इस परियोजना पर एक अरब डॉलर का खर्च आया है। नासा को उम्मीद है कि उसके लाए नमूनों से 4.5 अरब साल पुराने सौरमंडल की उत्पत्ति के राज खुलेंगे। क्षुद्र ग्रहों को सौरमंडल की उत्पत्ति के दौरान पैदा हुआ माना जाता है।

क्षुद्र ग्रह की लंबाई महज 510 मीटर

डेनेवर स्थित भू नियंत्रण केंद्र से दिए गए निर्देश के अनुरूप यान को बेन्नू की कक्षा से सतह के करीब पहुंचने में करीब साढ़े चार घंटे का समय लगा। यान के लिए बेन्नू का गुरुत्वाकर्षण बहुत कम है क्योंकि क्षुद्र ग्रह की लंबाई महज 510 मीटर है। इसकी वजह से यान को 3.4 मीटर लंबे रोबोटिक हाथ के जरिये सतह से कम से कम 60 ग्राम नमूना लेने की कोशिश करनी पड़ेगी।

जापान का यान हायाबूसा ला चुका है क्षुद्र ग्रह से नमूने

इससे पहले, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने दो बार यान के क्षुद्र ग्रह तक पहुंचने की कोशिश का सफल परीक्षण किया है। परीक्षण यान ओसिरिस रेक्स धरती से 29 करोड़ किलोमीटर दूर है, नासा से भेजे जाने वाले सिग्नल को वहां तक पहुंचने में 16 मिनट लगते है। ओसिरिस रेक्स पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान है, जो किसी क्षुद्र ग्रह पर भेजा गया। जबकि वर्ष 2005 में जापान ने अपना हायाबूसा परीक्षण यान को क्षुद्र ग्रह पर भेजा था। वह 2010 में वहां की सतह से जमा नमूने लेकर आया था। बाद में और भी यान भेजे गए, लेकिन कोई नमूने लेकर नहीं आया।

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