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इसके अलावा इसमें लगी फाम जो उच्च तापमान से राकेट का बचाव करती है उसमें भी दिक्कत थी।
नासा का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट Artemis-1 अब शनिवार को लान्च किया जाएगा। लेकिन ऐसा तभी होगा जब सब कुछ ठीक होगा। नासा इस लान्च के लिए पूरी तरह से तकनीकी टीम की रिपोर्ट पर निर्भर है। जैसा वो कहेगी उसके ही आधार पर फैसला लिया जाएगा। हालांकि शनिवार को इस लान्च के हिसाब से मौसम केवल 40 फीसद ही साथ देगा। नासा के राकेट प्रोग्राम के मैनेजर जान हनीकट ने इस बात की आशंका भी जताई है कि यदि सब कुछ ठीक नहीं रहा तो इसका लान्च आगे के लिए टाला भी जा सकता है। नासा किसी भी हाल में इसको लान्च कर नुकसान उठाने की कोशिश नहीं करेगा।
नासा की तरफ से कहा गया है कि 322 फीट लंबे स्पेस लान्च सिस्टम के सबसे ऊपर मौजूद Orion Crew Capsule को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता है। नासा इस पायलट प्रोजेक्ट में ये देखना चाहता है कि इस कैप्सूल में चंद्रमा के आर्बिटर में दाखिल होने पर कोई असर पड़ता है या नहीं। भविष्य में नासा के मानव मिशन के लिए ये जानना इसलिए भी बेहद जरूरी है कि इस कैप्सूल को आने वाले मैन मिशन में इस्तेमाल किया जाना है। इसलिए ये बेहद जरूरी है कि सब कुछ नासा के ही हिसाब से हो। इसलिए ये मिशन केवल अमेरिका के सबसे शक्तिशाली राकेट के लिए जितना अहम है उतना ही इस कैप्सूल के लिए भी है। दोनों के लिए ही ये पहली शुरुआत है।
आपको बता दें कि पहले नासा का ये लान्च 29 अगस्त को होना था, लेकिन लान्च से पहले इसके इंजन में आई खराबी के बाद इस लान्च को ऐन समय पर रोक दिया गया था। नासा की तरफ से बताया गया था कि इंजन की जो रीडिंग मिलनी चाहिए थी वो हासिल नहीं हो रही थी। इसके अलावा इसमें लगी फाम जो उच्च तापमान से राकेट का बचाव करती है उसमें भी दिक्कत थी।
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