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NASA के हेलीकॉप्टर
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का इन्जनूअटी (Ingenuity) हेलीकॉप्टर मंगल ग्रह पर जीवन के निशान ढूंढने का काम कर रहा है। कुछ समय पहले इसने वहां की विषम परिस्थितियों में 25वीं उड़ान भरी थी। नासा का यह ड्रोन नुमा हेलीकॉप्टर अब अपनी 29वीं उड़ान पूरी कर चुका है। यह उड़ान ग्रह पर बढ़ती ठंड के बीच पूरी हुई है, जिससे इस हेलीकॉप्टर के नेविगेशन सेंसर भी काम नहीं कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, 29वीं उड़ान में इस हेलीकॉप्टर ने 66.6 सेकंड में 179 मीटर की दूरी तय की और 5.5 मीटर प्रति सेकंड की गति से यात्रा की। हालांकि इस मिशन से जुड़ी टीम का कहना है कि मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर रीजन में हेलीकॉप्टर के लिए स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई है। तापमान में गिरावट इसके उपकरणों की मुश्किल बढ़ा रही है।
हेलीकॉप्टर के लिए उसके नेविगेशन सेंसर बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि Ingenuity के नेविगेशन सेंसर लगभग एक सप्ताह पहले खराब हो गए थे। Ingenuity को इस ग्रह पर सिर्फ 5 फ्लाइट के लिए बनाया गया था, वह भी गर्मी के मौसम में। लेकिन नासा के इस हेलीकॉप्टर ने अपनी क्षमता से काफी ज्यादा हासिल किया है। जेजेरो क्रेटर का तापमान रात में माइनस 80 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा रहा है। ऐसे में हेलीकॉप्टर को बचाने के लिए टीम रात में हेलीकॉप्टर को बंद कर दे रही है।
The #MarsHelicopter successfully completed Flight 29 over the weekend, its first since the start of winter operations at the end of April. On this 66.6-second flight, Ingenuity traveled at 5.5 m/s for 179 m.
— NASA JPL (@NASAJPL) June 14, 2022
How the team has adapted to recent challenges: https://t.co/N8RLXGF99B pic.twitter.com/A2wAFELEIZ
हालांकि इस प्रोसेस से बहुत ज्यादा फायदा देखने को नहीं मिल रहा। इस हेलीकॉप्टर में कई ऐसे कॉम्पोनेंट हैं, जिन्हें रात के तापमान से बचने के लिए डिजाइन नहीं किया गया है। इस ग्रह पर दिन और रात के तापमान में काफी अंतर रहता है। यह भी Ingenuity के कॉम्पोनेंट्स पर प्रेशर डाल रहा है।
नासा का यह ड्रोन पिछले साल फरवरी में मंगल ग्रह पर पहुंचा था। इसने मंगल ग्रह पर तैनात पर्सवेरेंस रोवर के लिए एक स्काउट के रूप में काम किया है। पर्सवेरेंस रोवर वहां जीवन के सबूत तलाश रहा है और इसने कई खास तस्वीरें दुनिया को दिखाई हैं। हाल ही में इस हेलीकॉप्टर ने एक रिकॉर्ड बनाते हुए अब तक की सबसे तेज और दूर की उड़ान भी भरी थी।
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