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मंगल ग्रह पर निकल रही रहस्यमयी मीथेन गैस, NASA के Curiosity rover ने लगाया पता

Neha Dani
17 July 2021 8:57 AM GMT
मंगल ग्रह पर निकल रही रहस्यमयी मीथेन गैस, NASA के Curiosity rover ने लगाया पता
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इसके बाद ये सूर्य की रोशनी से पूरी तरह नष्ट हो जाता है.

वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर जीवन के सबूत (Life on Planet Mars) मिले हैं. वैज्ञानिकों के एक समूह ने मंगल ग्रह (Mars) पर एक ऐसी जगह की सटीक लोकेशन का पता लगाया है, जहां ये रहस्यमयी मीथेन गैस (Methane Gas) निकल रही है. ये गैस अक्सर ही सूक्ष्मजीवों (Microbes) द्वारा पैदा की जाती है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का क्यूरियोसिटी रोवर (Curiosity rover) इसके ठीक पास में ही मौजूद है. 2012 में मंगल ग्रह के गेल क्रेटर (Gale crater) में रोवर के उतरने के बाद से इसके डिटेक्शन सिस्टम में मीथेन गैस का छह बार पता लगाया.

हालांकि, वैज्ञानिक अभी तक इसके सोर्स का पता नहीं लगा पाए थे. लेकिन अब एक नए विश्लेषण के साथ वैज्ञानिकों ने मीथेन गैस के सोर्स का पता लगाया है. अज्ञात मीथेन स्रोत का पता लगाने के लिए कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (California Institute of Technology) के रिसर्चर्स ने मीथेन गैस कणों को असतत पैकेट में विभाजित किया. मीथेन गैस की दिशा का पता लगाने के लिए उस समय ग्रह पर मौजूद हवा की गति और दिशा का ध्यान रखा गया. इस तरह टीम ने समय-समय पर उनके उत्सर्जन के संभावित बिंदुओं पर मीथेन का पता लगाया. इस तरह उन्होंने उन क्षेत्रों का पता लगाया, जहां मीथेन के स्रोत सबसे अधिक थे. इसमें से एक रोवर से कुछ मील दूर ही था.
मंगल पर मीथेन से मिल सकते हैं जीवन के संकेत
रिसर्चर्स ने अपने रिसर्च पेपर में लिखा, नतीजे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पश्चिम और उत्तर-पश्चिमी क्रेटर तल पर क्यूरियोसिटी रोवर के दक्षिण-पश्चिम में एक सक्रिय उत्सर्जन क्षेत्र है. यह एक संयोग हो सकता है कि हमने क्यूरियोसिटी के लिए एक लैंडिंग साइट का चयन किया जो एक सक्रिय मीथेन उत्सर्जन साइट के बगल में स्थित है. मीथेन की मौजूदगी की संभावना वैज्ञानिकों के लिए रोमांचकारी है. रिसर्चर्स के मुताबिक, पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद लगभग सभी मीथेन जैविक उत्पत्ति से पैदा हुआ है. ऐसे में इस बात का सबूत हो सकता है कि मंगल ग्रह पर भी जीवन मौजूद हो.
धूल से ढका हुआ हो सकता है मीथेन का स्रोत
भले ही मीथेन गैर-जैविक प्रक्रियाओं के जरिए पैदा हो रहा हो, लेकिन तरल पानी की मौजूदगी से जुड़ी भूगर्भीय गतिविधि की ओर भी इशारा करता है. तरल पानी पहले या वर्तमान में जीवन के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण घटक हो सकता है. टोरंटो की योर्क यूनिवर्सिटी में प्लैनेटरी साइंटिस्ट के प्रोफेसर जॉन मूर का कहना है कि ये संभव है कि मंगल की सतह के नीचे कहीं से मीथेन का रिसाव हो रहा हो. ये धूल से ढका हो सकता है और इसे ढूंढना लगभग असंभव है. हालांकि, हमें अभी ये नहीं मालूम है कि मीथेन छोटे जीवों द्वारा ही पैदा किया जा रहा है या नहीं. मीथेन का जीवनकाल 330 वर्षों का होता है. इसके बाद ये सूर्य की रोशनी से पूरी तरह नष्ट हो जाता है.


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