अंतरिक्ष से जुड़ी कुछ खबरें ऐसी होती हैं, जो सुनने में बेहद रोमांचक लगती हैं. जब भी कभी कहा जाता है कि कोई एस्टेरॉयड (Asteroid) धरती से टकराने वाला है, तो उसे लेकर लोगों में डर कम और उत्सुकता अधिक दिखाई देती है. लेकिन अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) एस्टेरॉयड्स से जुड़ी परेशानी का ही हल करने जा रही है. ये एक ऐसा मिशन है, जो किसी फिल्मी कहानी से भी कहीं बेहतर प्रतीत होता है. वैज्ञानिकों ने एक प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसकी मदद से एस्टेरॉयड्स को पृथ्वी की ओर आने से रोका जाएगा. इस प्रोजेक्ट का नाम डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Redirection Test) यानी डार्ट रखा गया है.
इस प्रोजेक्ट पर जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी अपलाइड फिजिक्स लैब सहित नासा के कई सेंटर काम कर रहे हैं. अंतरिक्ष से जुड़ी इस विशेष तकनीक में 'काइनेटिक इम्पैक्टर' तकनीक भी शामिल है. जिसके जरिए अंतरिक्ष में एस्टेरॉयड की गति को बदला जाएगा. नासा ने अपनी वेबसाइट पर इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा है, 'डार्ट ग्रहों की रक्षा से जुड़ी तकनीकों का परीक्षण है, ताकि पृथ्वी को किसी खतरानक एस्टेरॉयड से पड़ने वाले प्रभाव से बचाया जा सके.' आसान भाषा में कहें, तो इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी की ओर आ रहे खतरनाक एस्टेरॉयड की दिशा में परिवर्तन करना है.