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नासा चंद्रमा और मंगल पर लगाएगा परमाणु संयंत्र, पढ़ें इसकी खासियत

Gulabi
23 Nov 2021 3:13 PM GMT
नासा चंद्रमा और मंगल पर लगाएगा परमाणु संयंत्र, पढ़ें इसकी खासियत
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अंतरिक्ष में दुनिया के देशों के बीच आगे निकलने की होड़ मची हुई है
अंतरिक्ष में दुनिया के देशों के बीच आगे निकलने की होड़ मची हुई है। अब इस बीच अमेरिकी अतंरिक्ष एजेंसी नासा ने बड़ा फैसला लिया है। अमेरिका चंद्रमा और मंग्रल पर परमाणु ऊर्जा संयत्र लगाएगा जिसके लिए नासा ने सुझाव मांगे हैं। अमेरिकी अतंरिक्ष एजेंसी आने वाले 10 सालों में चंद्रमा पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की तैयारी कर रही है।
नासा परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए अमेरिकी ऊर्जा विभाग के इडाहो राष्ट्रीय प्रयोगशाला के साथ मिलकर तैयारी कर रहा है। फिशन सर्फेस पावर प्रोजेक्ट के चीफ सेबेस्टियन कोर्बिसिएरो का कहना है कि चंद्रमा पर विश्वसनीय, उच्च ऊर्जा तंत्र स्थापित करना एक बड़ा कदम है जो अंतरिक्ष में संभावनाएं खोजने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हम जल्द पूरा कर लेंगे। नासा इस परमाणु ऊर्जा संयत्र को धरती पर बनाएगा और इसके बाद चंद्रमा पर भेजेगा।
अमेरिका सूर्य या सौर ऊर्जा पर निर्भर ऊर्जा के स्त्रोत पर काम कर रहा है। नासा अगर चंद्रमा पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने में कामयाब हो जाता है, तो इसके बाद वह मंगल ग्रह पर भी संयत्र लगाएगा। इससे पहले नासा ने अपने अपोलो अभियान के तहत लोगों को चंद्रमा पर भेजा था, लेकिन वे लंब समय तक वहां पर नहीं रहे थे। हालांकि अब चंद्रमा पर खगोलविदों का लंबे समय तक रहने और काम करने का इरादा है जिसके लिए स्थाई ऊर्जा स्रोत की अधिक जरूरत होगी। परमाणु ऊर्जा संयत्र के माध्यम से ऊर्जा की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा।
नासा ने कहा कि ऐसी व्यवस्था से चंद्रमा पर मानव के कलॉनियों को ज्यादा समय तक ऊर्जा प्राप्त होगी। नासा के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी मिशन निदेशालय में काम करने वाले जिम रियूटर ने उम्मीद जताई है कि ऊर्जा संयंत्र से चंद्रमा और मंगल के लिए बिजली आर्किटेक्चर की योजनाओं को फायदा होगा।
बीते कई सालों से नासा की तरफ से चंद्रमा पर नाभिकीय विखंडन की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का नाम किलोपॉवर है जिस पर नासा और अमेरिकी ऊर्जा विभाग मिलकर शोध कर रहे हैं। दोनों की तरफ से अमेरिका के उद्योग सहयोगियों से इसके लिए डिजाइन प्रस्ताव देने की अपील की गई है जो चंद्रमा पर चलने में सक्षम हो और जिसे प्रक्षेपण के जरिए चंद्रमा पर पहुंचाया भी जा सके।
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