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नासा ने शुरू की चांद पर रॉकेट भेजने की उलटी गिनती की रिहर्सल, ईंधन रिसाव के बावजूद नहीं रोका काउंट डाउन

Renuka Sahu
22 Jun 2022 12:57 AM GMT
NASA started the countdown rehearsal to send rockets to the moon, despite fuel leak, the countdown did not stop
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फाइल फोटो 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक बार फिर इंसान को चांद पर भेजना चाहती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक बार फिर इंसान को चांद पर भेजना चाहती है। इसके लिए आर्टेमिस मिशन की शुरुआत में रिहर्सल प्रक्रिया के तहत पहली बार रॉकेट में ईंधन भरा और ईंधन लाइन में रिसाव के बावजूद काउंट डाउन के साथ परीक्षण शुरू कर दिया। यह नासा की रिहर्सल में चौथी गलती थी।

इस चौथी कोशिश को लंबे समय से प्रतीक्षित लॉन्च की शुरुआत से पहले आखिरी मील का पत्थर माना जा रहा है। इससे पहले अप्रैल में पिछली कोशिशों में ईंधन रिसाव, अटके वाल्व और अन्य तकनीकी मुद्दों ने रिहर्सल को नाकाम कर दिया था। इस बार एक और रिसाव ने कैनेडी स्पेस सेंटर में परीक्षण को लगभग बंद करने की नौबत तक ला दिया। लेकिन नासा के प्रबंधकों ने उलटी गिनती का फैसला किया।
लॉन्च के निदेशक चार्ली ब्लैकवेल-थॉम्पसन ने कहा, वे देखना चाहते हैं कि टीम में कैसा प्रदर्शन किया। हालांकि उलटी गिनती कुछ ही देर में रोकनी पड़ी। नासा प्रवक्ता डेरोल नेल ने कहा, अभी यह नहीं पता चला है कि गिनती क्यों रोकी गई।
मानव रहित ओरियन कैप्सूल के बाद चांद पर जाएगा इंसान
आर्टेमिस-1 मिशन के साथ ही अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर नहीं भेजा जाएगा। नासा पहले चंद्रमा पर एक मानव रहित ओरियन कैप्सूल भेजेगी। इसके बाद इंसान को चांद पर भेजने के बारे में फैसला लिया जाएगा। आर्टेमिस-1 मिशन इस साल जून में लॉन्च होने वाला था, जिसमें अब देरी हो चुकी है।
दक्षिण कोरिया ने पहली बार किया स्वदेशी अंतरिक्ष रॉकेट का प्रक्षेपण
दक्षिण कोरिया ने मंगलवार को पहली बार तीन चरणों वाले स्वदेशी 'नूरी'अंतरिक्ष रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया। अधिकारियों ने कहा कि इस सफलता से देश की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में न सिर्फ वृद्धि होगी, बल्कि इससे यह भी साबित हो गया कि दक्षिण कोरिया के पास अंतरिक्ष आधारित निगरानी प्रणाली बनाने और बड़ी मिसाइलें बनाने की अहम तकनीक मौजूद है। उत्तर कोरिया से जारी शत्रुता के बीच अधिकारी ने यह बयान दिया। इस प्रक्षेपण ने दक्षिण कोरिया को अंतरिक्ष में उपग्रह स्थापित करने वाला दुनिया का 10वां देश बना दिया है।
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