जनता से रिश्ता वेबडेस्क| एलन मस्क की रॉकेट कंपनी स्पेसएक्स और अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी नासा ने रविवार को अंतरिक्ष जगत में एक नया मुकाम हासिल किया। दरअसल, नासा ने स्पेसएक्स के साथ मिलकर टेस्ला द्वारा तैयार किए गए फाल्कन 9 अंतरिक्ष यान के जरिए चार यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर भेजा है।
पहली बार निजी यान से भेजा
यह नासा का पहला ऐसा मिशन है, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस पर भेजने के लिए निजी अंतरिक्ष यान की मदद ली गई है। इस अंतरिक्ष यान के जरिए 'क्रू ड्रैगन रेसिलियंस टीम' में शामिल अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस पर भेजा गया है।
ये चार यात्री गए अंतरिक्ष में
इस टीम में अमेरिकी वायुसेना के कर्नल और अंतरिक्ष यात्री माइक होपकिन्स, भौतिक विज्ञानी शैनन वॉकर, जापानी अंतरिक्ष यात्री सोइची नोगुची के साथ-साथ नौसेना कमांडर और अंतरिक्ष यात्री विक्टर ग्लोवर (जो अंतरिक्ष स्टेशन पर पूरे छह महीने बिताने वाले पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री हैं) को फाल्कन 9 अंतरिक्ष यान के माध्यम से आईएसएस पर भेजा गया।
कोरोना के चलते टेकऑफ के दौरान मौजूद नहीं थे मस्क
मिशन लॉन्च होने के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के परिवार फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर पर मौजूद रहे। परिवार वालों ने लॉन्च के समय अंतरिक्ष यात्रियों की सलामती की दुआ की और उनकी तरफ हाथ हिलाकर अलविदा कहा।कोरोना महामारी के चलते टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क इस दौरान मौजूद नहीं थे। हालांकि, स्पेसएक्स के अध्यक्ष ग्वेने शॉटवेल नासा के प्रशासक जिम ब्रिडेनस्टाइन के साथ टेकऑफ के दौरान मौजूद रहे।
क्रू का नाम 'कैप्सूल रेसिलियंस'
अभी तक 2020 में दुनियाभर में आई चुनौतियों को देखते हुए इस क्रू को 'कैप्सूल रेसिलियंस' का नाम दिया गया है। टेकऑफ के दौरान स्पेस सेंटर के पास के कस्बे केप कनवेरल के निवासी बड़ी संख्या में मिशन को देखने के लिए पहुंचे।
अब आईएसएस के लिए शुरू होंगी उड़ानें
नासा द्वारा टेकऑफ से पहले किए गए ट्वीट्स की एक श्रृंखला के अनुसार, अंतरिक्ष यात्रियों ने सभी परीक्षण किए और अंतरिक्ष यान को टेकऑफ से पहले चेक किया गया। स्पेसएक्स की पहली नियमित अंतरिक्ष उड़ान के लिए दोबारा प्रयोग में लाए जाने वाले रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है जिसका नाम फाल्कन 9 है। इसे स्पेसएक्स द्वारा विकसित और निर्मित किया गया है।
नासा के प्रशासक जिम ब्रिडेनस्टाइन ने संवाददाताओं से कहा था कि इस मिशन का मतलब है कि अब आईएसएस के लिए परिचालन उड़ानें शुरू हो सकती हैं। उन्होंने कहा, इस बार जो इतिहास बनाया जा रहा है, वह वही है जिसे हम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में परिचालन उड़ान कहते हैं।