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2 किलो के Ingenuity को नाम भारत की स्टूडेंट वनीजा रुपाणी ने एक प्रतियोगिता के जरिए दिया था।
मंगल ग्रह पर मौजूद नासा के इनजीनिटी हेलिकॉप्टर का एक वीडियो अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने शेयर किया है। इसमें इनजीनिटी हेलिकॉप्टर को मंगल की सतह से टेकऑफ और लैंडिंग करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को नासा के परसेवेरेंस मार्स रोवर पर लगे Mastcam-Z उपकरण से रेकॉर्ड किया गया है। इनजीनिटी ने 4 सितंबर 2021 को मंगल पर अपनी 13वीं उड़ान भरी थी। इनजीनिटी मंगल के चुनौतीपूर्ण वातावरण में उड़ान भरता है और अलग-अलग एंगल से सतह की तस्वीरें खींचता है।
इनजीनिटी हेलिकॉप्टर के टेकऑफ और लैंडिंग का वीडियो वैज्ञानिक जांच के लिए हासिल किया गया था। जिसका उद्देश्य हेलीकॉप्टर से पैदा होने वाले धूल के ढेर को मापना था। वीडियो को ट्विटर पर नासा मार्स के आधिकारिक पेज से शेयर किया गया है। 1 मिनट 3 सेकेंड के इस वीडियो की शुरुआत में इनजीनिटी हेलिकॉप्टर फ्रेम के निचले हिस्से में बाईं ओर नजर आ रहा है। यह रोवर से करीब 980 फीट (300 फीट) की दूरी पर स्थित है।
26 फीट ऊंचा उड़ा इनजीनिटी हेलिकॉप्टर
Thank you for flying with NASA! Recently downlinked footage from the @NASAPersevere rover shows the Ingenuity #MarsHelicopter's near-perfect 13th flight. It provides the most detailed look yet at the rotorcraft in action. More: https://t.co/4V3MbMBMJS pic.twitter.com/ES0ABrnIwc
— NASA Mars (@NASAMars) November 18, 2021
टेकऑफ करने के बाद यह 26 फीट (8 मीटर) की ऊंचाई हासिल करता है जिसके बाद यह आगे की ओर बढ़ता है। आगे बढ़ते हुए यह दाईं तरफ फ्रेम से बाहर निकल जाता है। कुछ ही देर बाद यह वापस आता है और अपने टेकऑफ की जगह से थोड़ी दूर पर लैंड करता है। वीडियो को रोवर पर लगे दोनों कैमरे Mastcam-Z से रेकॉर्ड किया गया था। परसेवरेंस का मुख्य उद्देश्य मंगल पर प्राचीन माइक्रोबियल जीवन के संकेतों की खोज करना है।
मंगल पर नासा ने क्यों भेजा हेलीकॉप्टर
मंगल पर रोटरक्राफ्ट की जरूरत इसलिए है क्योंकि वहां की अनदेखी-अनजानी सतह बेहद ऊबड़-खाबड़ है। मंगल की कक्षा में चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर ज्यादा ऊंचाई से एक सीमा तक ही साफ-साफ देख सकते हैं। वहीं रोवर के लिए सतह के हर कोने तक जाना मुमकिन नहीं होता। ऐसे में ऐसे रोटरक्राफ्ट की जरूरत होती है जो उड़ कर मुश्किल जगहों पर जा सके और हाई-डेफिनेशन तस्वीरें ले सके। 2 किलो के Ingenuity को नाम भारत की स्टूडेंट वनीजा रुपाणी ने एक प्रतियोगिता के जरिए दिया था।
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