विश्व

NASA ने इंस्टा पर शेयर किया मरते सितारे से अंतरिक्ष में बनी खूबसूरती की तस्वीर

Gulabi
4 Aug 2021 4:55 PM GMT
NASA ने इंस्टा पर शेयर किया मरते सितारे से अंतरिक्ष में बनी खूबसूरती की तस्वीर
x
हमारे ब्रह्मांड में मौजूद सितारे जितने हैरतअंगेज तरीके से जीते हैं

हमारे ब्रह्मांड में मौजूद सितारे जितने हैरतअंगेज तरीके से जीते हैं, जीवन पूरा होने के समय भी उतनी ही भव्यता ओढ़े रहते हैं। कम से कम उनकी तस्वीरों से ऐसा ही लगता है। जब ये ढहते हैं तो इनकी कोर में होने वाले न्यूक्लियर रिऐक्शन की वजह से कई हेवी मेटल्स भी बनते हैं। लाखों साल बाद इस मटीरियल से अंतरिक्ष में एक बार फिर नया सितारा बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

किसी सितारे के जीवन के आखिर समय में बनने वाले मलबे के बादल का एक उदाहरण है- Cassiopeia A। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के मुताबिक जिस विस्फोट के बाद यह सुपरनोवा हुआ होगा, उसकी रोशनी धरती पर 35 साल पहले दिखाई दी होगी जबकि इस रोशनी को हम तक पहुंचने में 11 हजार साल लगे होंगे।
तीन अलग डेटा से बनी
नासा ने जो तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की है, इसे तीन अलग-अलग ऑब्जर्वेटरीज से लिया गया है और इसमें मौजूद रंग इसके बारे में अलग चीजें बताते हैं। लाल रंग इन्फ्रारेड डेटा से लिया गया है जिसे Spitzer स्पेस टेलिस्कोप से डिटेक्ट किया गया था। इसमें बाहरी शेल की गर्म धूल दिखती है जिसका तापमान 10 डिग्री सेल्सियस है।
तपतीं गैसें

पीला रंग ऑप्टिकल डेटा का है जिसे नासा के Hubble स्पेस टेलिस्कोप ने लिया है। इसमें गर्म गैसों के फिलामिंट दिखते हैं जिनका तापमान 10 हजार डिग्री सेल्सियस है। वहीं, हरा और नीला रंग एक्स-रे डेटा से बना है जिसे चंद्र एक्सरे ऑब्जर्वेटरी ने लिया है। इसमें 1 करोड़ डिग्री सेल्सियस तापमान पर गैसें दिख रही हैं।
नासा के मुताबिक ये गर्म गैसें तब बनी थीं जब सुपरनोवा से निकला मटीरियल आसपास की गैस और धूल से 1 करोड़ मील प्रतिघंटे की रफ्तार पर टकराया। नासा के मुताबिक इसकी मदद से ऐस्ट्रोनॉमर इस बात को समझ सकेंगे कि सुपरनोवा की धूल उसके पहले बने सितारे से आती है या तेजी से फैलते सुपरनोवा से।
Next Story