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NASA: स्पेस स्‍टेशन के ल‍िए रवाना हुए समुद्री भालू और समुद्रफेनी

Gulabi
4 Jun 2021 5:15 AM GMT
NASA: स्पेस स्‍टेशन के ल‍िए रवाना हुए समुद्री भालू और समुद्रफेनी
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अंतर‍िक्ष स्‍टेशन

वॉशिंगटन: अंतरिक्ष में पृथ्‍वी की कक्षा में चक्‍कर लगा रहे स्‍पेस स्‍टेशन के लिए सप्‍लाइ लेकर एलन म‍स्‍क की कंपनी स्‍पेसएक्‍स का रॉकेट गुरुवार को रवाना हो गया। यह शक्तिशाली रॉकेट अपने साथ 3,300 किलोग्राम सामान, वैज्ञानिक शोध के उपकरण लेकर रवाना हुआ है। यह रॉकेट शनिवार को स्‍पेस स्‍टेशन से जुड़ जाएगा। इस रॉकेट के साथ दो विशेष मेहमान समुद्री भालू और समुद्रफेनी (Squid) भी अंतरिक्ष की सैर के लिए रवाना हुए हैं। इसके अलावा अंतरिक्ष यात्रियों को ताजे सेब और सब्जियां भी भेजी गई हैं।

समुद्री भालू और समुद्रफेनी दोनों के साथ स्‍पेस स्‍टेशन पर विशेष प्रयोग किए जाएंगे। इसमें यह जानने की कोशिश की जाएगी कि समुद्री भालू कैसे अंतरिक्ष के पर्यावरण को झेलते हैं। शोधकर्ता यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि क्‍या गुरुत्‍वाकर्षण के नहीं रहने पर क्‍या समुद्रफेनी और लाभदायक जीवाणुओं के बीच संबंध प्रभावित होता है या नहीं। इसके अलावा जिन चीजों का स्‍पेस स्‍टेशन पर परीक्षण किया जाना है, उनमें पोर्टेबल अल्‍ट्रासाउंड, वर्चुअल रिअल्‍टी का इस्‍तेमाल करके रोबोटिक भुजा का रिमोट ऑपरेशन शामिल है।
ड्रैगन कैप्‍सूल से ताजे सेब, संतरे, चेरी, प्‍याज, नींबू भी भेजा गया
वैज्ञानिक यह भी पता लगाने का प्रयास करेंगे अंतरिक्ष में किडनी के अंदर स्‍टोन कैसे पैदा होता है। साथ ही दबाव को झेलने में सक्षम और ज्‍यादा कपास का निर्माण समेत 12 से ज्‍यादा अन्‍य प्रयोग किए जाने हैं। स्‍पेसएक्‍स के ड्रैगन कैप्‍सूल में कोई इंसान नहीं गया है। स्‍पेस स्‍टेशन पर हर दिन सैकड़ों प्रयोग किए जाते हैं। यह एक चलती फिरती प्रयोगशाला है। अंतरिक्ष यात्री हर प्रयोग को अंजाम देते हैं और इसकी रिपोर्ट पृथ्‍वी पर वैज्ञानिकों को भेजते हैं।
स्‍पेस स्‍टेशन पर होने वाले रिसर्च से गुरुत्‍वाकर्षण के बिना जीने की हमारी समझ बढ़ती है। अंतरिक्षयात्रियों के लिए ड्रैगन कैप्‍सूल से ताजे सेब, संतरे, चेरी, प्‍याज, नींबू आदि भी भेजा गया है। कार्गो रॉकेट पर नए सोलर पैनल भी भेजे गए हैं जिससे स्‍पेस स्‍टेशन पर ऊर्जा की उपलब्‍धता बढ़ जाएगी। इस सोलर पैनल को स्‍पेस स्‍टेशन के बाहर लगाया जाएगा। बता दें कि समुद्री भालू खराब से खराब परिस्थितियों में भी जिंदा रहने और विकास जारी रखने के लिए जाने जाते हैं। ये रेड‍िएशन या ऑक्‍सीजन नहीं रहने पर भी जिंदा रह लेते हैं।
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