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NASA के वैज्ञानिक हैरान, चांद से टकराया रहस्यमयी रॉकेट, सतय पर बने दो गड्ढे … नहीं पता किस देश का है हाथ

Renuka Sahu
30 Jun 2022 5:11 AM GMT
NASA scientists surprised, mysterious rocket collided with the moon, two pits made on the truth ... do not know which countrys hand
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फाइल फोटो 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक बड़ी खोज की है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Space Agency NASA) ने एक बड़ी खोज की है. एजेंसी को पता चला है कि इस साल की शुरुआत में चंद्रमा की सतह पर एक रहस्यमयी रॉकेट क्रैश हुआ है. रॉकेट जब सतह पर गिरा तो काफी गहरे गड्ढे हो गएं, जिससे पता चलता है कि यह कोई औसत रॉकेट नहीं था. रॉकेट के चांद पर क्रैश होने के बाद से धरती पर किसी भी देश ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है. नासा अब इस खोज के बाद से हैरान है कि आखिर इस रॉकेट लॉन्च (Rocket Crashed on Moon) के पीछे किस देश का हाथ हो सकता है.

नासा के लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर ने 24 जून को क्रैश वाली जगह की तस्वीरें शेयर की हैं, जिसमें रॉकेट के बाद सतह को देखा जा सकता है. नासा ने कहा है, 'हैरानी की बात ये है कि यह कोई एक गड्ढा नहीं, बल्कि दो गड्ढे हैं. एक पूर्व की तरफ है (18 मीटर डायामीटर, करीब 19.5 यार्ड) और दूसरा पश्चिम की तरफ (16 मीटर डायामीटर, 17.5 यार्ड). इतने दोहरे गड्ढे की उम्मीद नहीं की जा सकती थी… किसी भी अन्य रॉकेट ने चंद्रमा पर कभी ऐसे दोहरे गड्ढे नहीं बनाए हैं.'
पिछले साल जताई गई थी आशंका
एस्ट्रोनॉमर्स ने बीते साल के आखिर में चंद्रमा पर अज्ञात रॉकेट दिखने के बाद इसके क्रैश होने की आशंका जताई थी. जो 4 मार्च को हर्ट्जस्प्रंग क्रेटर के पास टकराया था. यही पर चौड़े गड्ढे निर्मित होते हैं. नासा ने कहा है कि रॉकेट के प्रत्येक छोर पर दो बड़े द्रव्यमान के कारण गड्ढे हो सकते हैं. लेकिन क्रैश के बाद का ये प्रभाव काफी असामान्य है. नासा के अनुसार, स्पेंड रॉकेट में एक छोर पर भारी मोटर लगी होती है और हल्का खाली ईंधन का टैंक दूसरी तरफ होता है. हालांकि अंतरिक्ष एजेंसी ने आगे ये नहीं बताया कि अतिरिक्त द्रव्यमान क्या था.
अपोलो मिशन से बने और बड़े गड्ढे
नासा ने अपनी न्यूज रिलीज में कहा है, 'चूंकी रॉकेट के स्त्रोत के बारे में अब भी पता नहीं है, ऐसे में दो गड्ढे शायद इसकी पहचान का संकेत दे सकते हैं.' एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के 2016 के आंकड़ों के अनुसार, कम से कम नासा के 47 रॉकेट से चंद्रमा पर 'अंतरिक्ष यान का प्रभाव' दिखा है. नासा के मुताबिक, चांद पर चार बडे़ गड्ढे अपोलो 13, 14, 15 और 17 मिशन के चलते हुए थे. ये 4 मार्च के रॉकेट क्रैश के बाद बने गड्ढों से भी काफी बड़े हैं. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि नए दोनों गड्डों की अधिकतम चौड़ाई करीब अपोलो मिशन से बने गड्ढों के बराबर ही है.
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