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NASA: मंगल पर 'प्राचीन जीवन' की खोज कर रहा परसिवरेंस रोवर

Gulabi
19 May 2021 8:53 AM GMT
NASA: मंगल पर प्राचीन जीवन की खोज कर रहा परसिवरेंस रोवर
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NASA का परसिवरेंस रोवर

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के परसिवरेंस रोवर (Perseverance rover) ने अब अपने प्राइमरी मिशन की शुरुआत कर दी है. इस रोवर का मिशन मंगल ग्रह (Mars) पर माइक्रोबियल जीवन (Microbial life) की तलाश करना है. लाल ग्रह (Red Planet) पर लैंडिंग के बाद से रोवर ने अपने पहले तीन महीने Ingenuity हेलिकॉप्टर की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने में बिताया. हालांकि, अब परसिवरेंस इस बात की तलाश करेगा कि क्या सचमुच पृथ्वी से परे इस ग्रह पर जीवन मौजूद है या नहीं.

NASA के परसिवरेंस रोवर के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया, 'समय आ गया है, मैं अब ओन-सीन फोटोग्राफर से एक साइंस जांचकर्ता बन रहा हूं. क्या इस प्राचीन झील के किनारे पर जीवन था? जो टूल लेकर मैं यहां आया हूं, वो खोज करने में मदद करेंगे. मैं एक रोबोट हूं, जो अब अपने मिशन पर है.' रोवर का खोज से मतलब है, जेजेरो क्रेटर में मौजूद पत्थरों की राजसायनिक और जियोलॉजिकल जांच करना. ये एक ऐसी जगह है, जिसे लेकर NASA का मानना है कि यहां एक समय पानी मौजूद था और ये एक प्राचीन नदी डेल्टा का भाग था. इस गीली मिट्टी में प्राचीन जीवन संभावित रूप से निवास कर सकता था, जैसे कि पृथ्वी पर होता है.
मंगल पर जीवन की कैसे तलाश करेगा रोवर?
परसिवरेंस रोवर के ऊपर एक सुपरकैमरा लगा हुआ है, जो पत्थरों की बनावट को समझने और अन्य जगहों पर जाने के लिए एक शक्तिशाली लेजर का प्रयोग करता है. यदि NASA के इंजीनियरों को कोई खास जगह मिलती है तो वे रोवर को निर्देश दे सकते हैं कि वो उसकी बारीकी से जांच करें. SHERLOC नामक एक डिवाइस रोवर की बांह पर लगाया गया है, जो कैमरा, लेजर और अन्य डिवाइसों को पत्थरों पर करीबी नजर रखने में मदद करेगा. इसके अलावा, इसके जरिए क्रेटर में मौजूद मिनरल्स, कार्बनिक मॉलिक्यूल और संभावित बायोसिग्नेचर की पहचान करेगा.

प्राचीन झील की टाइमलाइन बनाएंगे वैज्ञानिक
NASA ने बताया कि SHERLOC के पास एक बड़ा मैग्निफाइंग ग्लास है, जो किसी काल्पनिक फिल्म में जासूस द्वारा प्रयोग किए जाने वाले डिवाइस की तरह है. रोवर की बांह पर लगा डिवाइस चट्टानों की सतहों को पीसकर उसके भीतर मौजूद चीजों को सही ढंग से देखने का मौका भी देगा. ऐसे में अब रोवर का असल काम शुरू हो चुका है. NASA ने कहा कि उनके द्वारा देखी जाने वाली चीजों के जरिए वैज्ञानिक इस प्राचीन झील के तैयार होने की टाइमलाइन को बना सकेंगे. वे ये भी पता लगा सकेंगे कि ये कब सूखी और कब इसके तलछट ने इसे एक क्रेटर बनाने में मदद की.
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