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एरिजोना विश्वविद्यालय में लूनर एंड प्लैनेटरी लेबोरेटरी के अनुसार नासा ने मार्स रिकोनिसेंस ऑर्बिटर ने गेल क्रेटर
एरिजोना विश्वविद्यालय में लूनर एंड प्लैनेटरी लेबोरेटरी के अनुसार नासा ने मार्स रिकोनिसेंस ऑर्बिटर ने गेल क्रेटर के सेंटर के पास, मॉन्ट मर्को पर चढ़ने वाले क्यूरियोसिटी रोवर की एक फोटो खींची है। बता दें कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर अपने करीब नौ साल पूरे कर लिए हैं। 17 कैमरों और उन्नत उपकरणों से लैस कार के आकार वाले इस यान को मंगल पर जीवन की संभावनाएं तलाशने के लिए नवंबर, 2011 में लांच किया गया था। छह अगस्त, 2012 को यह लाल ग्रह पर उतरा था।
इमेजिंग साइंस एक्सपेरिमेंट टूल के जरिए कैद की फोटो
18 अप्रैल को अपने हाई-रिजॉल्यूशन इमेजिंग साइंस एक्सपेरिमेंट टूल के जरिए इस फोटो को कैद किया है। रोवर से 167.5 मील की ऊंचाई से भी कार के आकार वाले क्यूरियोसिटी रोवर एकदम साफ दिखाई दे रहा है। यह टूल छोटी से छोटी चीजों को भी देखने और उसका फोटो लेने में सक्षम है। वर्ष 2014 से क्यूरियोसिटी रोवर तीन मील ऊंचे माउंट शार्प की चढ़ाई कर रहा है, जो कि गेल क्रेटर की केंद्रीय चोटी है। इसका मिशन लाल ग्रह पर माइक्रोबियल जीवन के पिछले संकेतों की खोज करना है।
क्यूरियोसिटी ने मंगल ग्रह पर कार्बनिक पदार्थों का पता लगाया
मार्च की शुरुआत में क्यूरियोसिटी ने मोंट मर्को पर चढ़ाई करना शुरू किया था। इसका नाम फ्रांस में एक पहाड़ के नाम पर रखा गया है। मंगल ग्रह पर अपने पहले दो सालों में, क्यूरियोसिटी ने पुष्टि की कि गेल क्रेटर जीवन के लिए उपयुक्त रासायनिक अवयवों से भरी एक झील थी। क्यूरियोसिटी ने मंगल ग्रह पर कार्बनिक पदार्थों का पता लगाया है। इसने इस बात के सबूत खोजे कि मंगल के सूख जाने पर छोटे, नमकीन तालाब बने रहे। यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में क्यूरियोसिटी मंगल के अतीत के बारे में और रहस्यों को उजागर करेगा क्योंकि यह मोंट मर्को की खोज कर रहा है।
नमक होने के सबूत से स्थापित होगा जीवन
नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के क्यूरियोसिटी के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट अबीगैल फ्रैमैन ने एक वीडियो अपडेट में कहा कि मोंट मर्को के ठीक आगे सल्फेट की पहाड़ियां हैं इसलिए हम आगे बढ़ रहे हैं। नासा का क्यूरोसिटी रोवर मंगल ग्रह की सतह पर नमक ढूंढने के बेहद करीब है। इससे ये पता चल जाएगा कि लाल ग्रह पर प्राचीन समय में जीवन था या नहीं। मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में स्थित नासा गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक रोवर द्वारा ली गई तस्वीरों और एकत्रित डाटा का अध्ययन कर रहे हैं। इससे यह पता चलेगा कि ऐसा हो सकता है मंगल पर ऑर्गेनिक, या कार्बन-युक्त नमक मौजूद हो। इसे एजेंसी ने कार्बनिक यौगिकों का ऑर्गेनिक कंपाउंड बताया है।
छह वर्ष पूर्व जैविक अणुओं की खोज
बता दें कि 2015 में इसने वहां जैविक अणुओं की भी खोज की थी। क्यूरियोसिटी ने अपने अनुसंधान के दौरान मंगल पर पानी की खोज के साथ सल्फर, ऑक्सीजन, कार्बन और नाइट्रोजन आदि के नमूने भी इकट्ठे किए हैं। यह लाल ग्रह पर चल रही धूल भरी आंधी की जांच कर रहा है। मंगल पर 20 जून से ही धूल भरी आंधी चल रही है। इसकी वजह से नासा का मंगल पर मौजूद अपने एक अन्य रोवर अपॉरच्युनिटी से संपर्क टूट गया है। क्यूरोसिटी धूल की चादर के भीतर से भी नमूने इकट्ठे कर रहा है। जुलाई में नासा ने कहा था, 'परमाणु ऊर्जा से संचालित इस रोवर में कई उपकरण लगे हैं जो धूल की मात्रा और उसके कणों के आकार का पता लगा सकते हैं।' खगोलविदों के मुताबिक क्यूरियोसिटी द्वारा इकट्ठा की गई जानकारी मंगल पर मानव को भेजने में अहम साबित होगी।
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