विश्व

नासा ने 4 साल में खोजा 5000 हजार एलियन की दुनिया

Gulabi
28 Jan 2022 1:17 PM GMT
नासा ने 4 साल में खोजा 5000 हजार एलियन की दुनिया
x
ब्रह्मांड में एलियन की दुनिया कितनी है? इस सवाल का जवाब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ढूंढ लिया है। नासा के वैज्ञानिकों ने बताया है कि ब्रह्मांड में कम से कम 5 हजार एलियन की दुनिया है। नासा के वैज्ञानिक बीते चार साल से इसको लेकर शोध कर रहे थे। ट्रांसिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) ने इस खोज में नासा की बहुत मदद की है। दरअसल यह एलियन की दुनिया या ग्रह हैं। यह सौर मंडल के बाहर स्थित ग्रह (एक्सोप्लैनेट्स) हैं। इस 5000 एलियन की दुनिया को TESS ऑबजेक्ट्स ऑफ इंट्रेस्ट (TOI) नाम दिया गया है। इन बाहरी ग्रहों से किसी न किसी तरह के प्राप्त हो रहे हैं। अब वैज्ञानिक ऑबजेक्ट्स ऑफ इंट्रेस्ट में से ग्रहों का चुनाव करेंगे और वहां पर क्या है यह जानने के लिए उनके बारे में रिसर्च करेंगे।
शोधकर्ता मिशेल कुनीमोतो ने बताया है कि TESS ने 27 जनवरी तक 2400 ऐसे ग्रहों की खोज की थी। मिशेल कुनीमोतो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) की पोस्ट डॉक्टोरल फेलो हैं। MIT के रिसर्चर फेंट स्टार सर्च प्रोजेक्ट पर काम करने वाली TESS की टीम को लीड कर रहे हैं। उनका कहना है कि TESS ने बहुत ग्रहों को खोजा है।
ट्रांसिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) के लॉन्चिंग से लेकर अप्रैल 2018 तक 176 ऑबजेक्ट्स ऑफ इंट्रेस्ट को एक ग्रह का नाम दिया गया है। एक्सोप्लैनेट की खोज करना आसान है, लेकिन उनके बारे में जानना कठिन है। इसलिए उनको ग्रह का दर्जा देना मुश्किल काम है। एलियन की दुनिया तो मिलती रहेगी, लेकिन उनको ग्रह का नाम देना कठिन है।
TESS से पहले 2700 से ज्यादा एक्सोप्लैनेट्स को खोजा गया था। इन एक्सोप्लैनेट्स की खोज केपलर स्पेस टेलिस्कोप ने की थी। इनको अभी तक ग्रह का नाम नहीं दिया गया है, तो वहीं उनका अवलोकन साल 2013 में पूरा कर लिया गया था, लेकिन अभी भी उनकी जांच की जा रही है। ग्रहों का दर्जा देने पर काम किया जा रहा है।
TESS को दो साल के लिए लॉन्च किया गया था। इसके बाद इसकी समय सीमा को जुलाई 2020 तक बढ़ाया गया था। अब वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि यह मिशन साल 2025 तक काम करेगा। अंतरिक्ष में किसी ग्रह या रोशनी को एक महीने तक देखने के बाद TESS उससे जुड़े डेटा को कंट्रोल रूम को भेजता है।जिससे यह पता चलता है कि उस ग्रह के आसपास सूरज जैसा कोई तारा मौजूद है या नहीं।
Next Story