जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Election) में फर्जी या भ्रामक खबरों को लेकर फेसबुक (Facebook) एक बार निशाने पर आ गई है. यूएस कांग्रेस में शीर्ष डेमोक्रेट नैंसी पलोसी (Nancy Pelosi) ने मार्क जुकरबर्ग की दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी को कठघरे में खड़ा किया है. प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) की अध्यक्ष नैंसी पलोसी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि फेसबुक भ्रामक खबरों के प्रसार से उत्पन्न हुई समस्या का एक हिस्सा है. दरअसल, उनसे पूछा गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा गलत जानकारी के प्रसार को रोकने के लिए उठाये गए कदमों से वह कितनी संतुष्ट हैं.
मैं फेसबुक फैन नहीं
इस सवाल के जवाब में पलोसी ने फेसबुक का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं फेसबुक की बहुत बड़ी फैन नहीं हूं. मुझे नहीं पता कि वे क्या कर रहे हैं, लेकिन इतना जरूर जानती हूं वे समस्या का हिस्सा हैं'. बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और उनके समर्थक चुनाव में धांधली के दावे करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी तरफ से अब तक इसके समर्थन में कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया है.
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हुई थी आलोचना
फेसबुक और ट्विटर ने कार्रवाई करते हुए इस तरह के पोस्ट पर चेतावनी लेबल लगाना शुरू कर दिया है. वहीं, दोनों कंपनियों ने राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक को फिलहाल बरकरार रखा है. गौरतलब है कि फेसबुक पर गलत और भ्रामक जानकारी को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं. चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप के विवादित पोस्ट पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर भी कंपनी को आलोचना का सामना करना पड़ा था.
क्या करेंगे कार्रवाई?
भ्रामक खबरों के प्रसार में सोशल मीडिया कंपनियों की भूमिका को लेकर अमेरिका में बहस चलती रही है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) इस संबंध में कोई बड़ा कदम उठाते हैं. कुछ अपवादों को छोड़कर सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ उनके उपयोगकर्ताओं द्वारा पोस्ट किये गए कंटेंट के लिए कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है. अमेरिका का एक वर्ग कानून में मिली इस छूट को खत्म करने की वकालत करता है.