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उत्तर कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम की ही वजह से उसके ऊपर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी अपने एशिया दौरे के अहम पड़ाव में हैं। इस चरण में वो दक्षिण कोरिया पहुंच चुकी हैं। उनका यहां का ये दौरा दो बातों के लिए यादगार बन जाएगा। पहला तो ये कि जिस वक्त वो यहां पर मौजूद है उस वक्त दक्षिण कोरिया राष्ट्रपति Yoon Suk yeol कहीं दूसरी जगह छुट्टी मना रहे हैं। लिहाजा इन दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने की बातचीत नहीं हो सकी है। इस कमी को पूरा करने के लिए नैंसी गुरुवार को यून के साथ फोन पर बात कर पूरा करेंगी।
यून ने मई में संभाला था पद:
बता दें कि विश्व में ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब किसी खास व्यक्ति के आगमन पर वहां का राष्ट्रपति ही नदारद होता है। यून ने मई में राष्ट्रपति का पद संभाला था। दक्षिण कोरिया और अमेरिका के आपसी संबंध हर तरह से बेहद खास रहे हैं। रणनीतिक दृष्टि से भी इन दोनों के बीच जबरदस्त साझेदारी है। कई बार दोनों देश सैन्य अभ्यास कर चुके हैं। उत्तर कोरिया से दक्षिण कोरिया की हिफजात के लिए अमेरिका ने यहां पर थाड़ एयर डिफेंस सिस्टम लगाया है जो काफी विश्वसनीय है। नैंसी ने यहां पर सदन के स्पीकर से मुलाकात की है।
इसलिए भी खास है नैंसी का ये दौरा:
नैंसी के इस दौरे की दूसरी खास वजह ये है कि गुरुवार को वो उस जगह पर जाएंगी जो उत्तर और कोरिया के बीच Demilitarised Zone है। बता दें कि नैंसी दक्षिण कोरिया बुधवार को पहुंची थीं। यहां के बाद वो जापान जाएंगी जहां पर उनका ये एशिया का दौरा खत्म हो जाएगा। उनका इस जगह पर जाना इसलिए बेहद खास है क्योंकि यहां पर उनसे पहले वर्ष 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गए थे। हालांकि तब में और आज में हालात काफी बदले हुए हैं। उस वक्त डोनाल्ड ट्रंप न सिर्फ वहां पर गए थे बल्कि तब उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन ने भी उनसे वहां पर मुलाकात की थी। ये हाई प्रोफाइल बैठक करीब 2-3 घंटे चली थी। इतना ही नहीं उस वक्त ट्रंप किम के साथ उनकी सीमा में जाने वाले अमेरिका के ऐसे राष्ट्रपति बने थे जो पद पर रहते हुए वहां पर गया हो।
उत्तर कोरिया के व्यवहार में गर्मी:
मौजूदा समय में उत्तर कोरिया का व्यवहार काफी बदला हुआ है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि वो चीन का सबसे करीबी मित्र है। नैंसी पेलोसी के ताइवान जाने पर उत्तर कोरिया की तरफ से इसको गलत बताते हुए इसका विरोध किया गया था। उत्तर कोरिया ने कहा था कि ताइवान चीन का अंदरुणी मामला है, लिहाजा नैंसी को वहां पर नहीं जाना चाहिए। किम ने इसकी कड़े स्वरों में निंदा करते हुए कहा था कि इससे तनाव बढ़ेगा। नैंसी के Demilitarised Zone का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब उत्तर-दक्षिण कोरिया में जबरदस्त तनाव है। इसी वर्ष उत्तर कोरिया ने एक दर्जन से अधिक मिसाइल टेस्ट किए हैं। वहीं आशंका ये भी है कि वो कुछ ही समय में परमाणु टेस्ट भी कर सकता है। उत्तर कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम की ही वजह से उसके ऊपर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं।
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