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6 महीनों के लिए 'अशांत क्षेत्र' घोषित हुआ नागालैंड, AFSPA दिसंबर के अंत तक रहेगा लागू

Gulabi
30 Jun 2021 2:23 PM GMT
6 महीनों के लिए अशांत क्षेत्र घोषित हुआ नागालैंड, AFSPA दिसंबर के अंत तक रहेगा लागू
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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हत्या

नगालैंड राज्य के पूरे क्षेत्र को सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) कानून (​AFSPA) के अंतर्गत छह और माह के लिए "अशांत क्षेत्र" घोषित किया गया है. यह अवधि दिसंबर अंत तक लागू रहेगी.

अफ्सपा के अंतर्गत सुरक्षा बलों को कहीं भी अभियान चलाने और किसी को भी बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार रहता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक अधिसूचना में कहा कि सरकार का यह विचार है कि नगालैंड राज्य का पूरा क्षेत्र ऐसे अशांत एवं खतरनाक हालात में है कि सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है.
मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि अफ्सपा, 1958 की धारा तीन के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार छह और माह के लिए नगालैंड राज्य के पूरे इलाके को अशांत क्षेत्र घोषित करती है जो 30 जून 2021 से प्रभावी होगा.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हत्या, लूट और फिरौती के मामलों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. नगालैंड में दशकों से अफ्सपा लागू है.
क्या है AFSPA कानून?
AFSPA कानून के तहत केंद्र सरकार राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर किसी राज्य या क्षेत्र को अशांत घोषित कर वहां केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करती है. अफस्पा, पूर्वोत्तर के विवादित इलाकों में सुरक्षाबलों को विशेष अधिकार देता है. इसके तहत सुरक्षाकर्मियों को तलाशी अभियान चलाने और किसी को भी बिना किसी वारंट के गिरफ्तार करने की अनुमति दी गई है.
संदेह की स्थिति में सुरक्षाकर्मियों को किसी भी गाड़ी को रोकने, तलाशी लेने और उसे जब्त करने का अधिकार होता है. गिरफ्तारी के दौरान वे किसी भी तरह की शक्ति का इस्तेमाल कर सकते हैं. AFSPA के प्रावधान पूर्वोत्तर के देश के सात राज्यों में लागू हैं. शुरुआत में इस कानून को अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा में लागू किया गया था. बढ़ती उग्रवादी गतिविधियों के चलते साल 1990 में जम्‍मू-कश्‍मीर में भी इस कानून को लागू किया गया था.
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