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बताया जा रहा है कि ये मिशन अब भी एक्टिव हैं।
चीन के युतु-2 रोवर ने चंद्रमा पर एक 'रहस्यमय झोपड़ी' की खोज की थी। इसके बाद से ही वैज्ञानिक लगातार इसके बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे थे। अब जानकारी सामने आई है कि यह रहस्यमय चीज वास्तव में एक खरगोश के आकार की चट्टान है। युतु-2 टीम ने इसे 'जेड रैबिट' नाम दिया है और कहा कि शुक्रवार को रोवर ने इसकी करीब से जांच की थी। इस चट्टान को पहली बार युतु-2 ने दिसंबर में देखा था जब चंद्रमा के क्षितिज पर एक चौकोर आकृति नजर आई थी।
कई विशेषज्ञों ने दावा किया था कि यह रहस्यमय आकृति पत्थर का एक विशाल टुकड़ा हो सकता है। सौर ऊर्जा से चलने वाले युतु 2 और चांग'ई 4 लैंडर ने 3 जनवरी, 2019 को चंद्रमा के सबसे दूर लैंडिंग की थी। इसमें से युतु-2 चंद्रमा पर 186 किलोमीटर में फैले वॉन कार्मन क्रेटर में छानबीन कर रहा है। मूल स्थान से करीब एक महीने की यात्रा के बाद रोवर ने 'मून हट' की करीब से खींची गई तस्वीर को पृथ्वी पर भेजा है।
खरगोश की तरह 'जेड रैबिट' चट्टान का आकार
पास से देखने पर पता चला कि चट्टान दूर से दिखने की तुलना में काफी छोटी और ज्यादा गोल है। वास्तव में यह गाजरों पर झुके हुए किसी खरगोश के आकार की है। अंतरिक्ष पत्रकार एंड्रयू जोन्स ने ट्विटर पर लिखा, 'चंद्रमा की सतह 38 मिलियन वर्ग किमी चट्टानों की है। ऐसे में खगोलीय रूप से यह कुछ और नहीं हो सकता था। लेकिन बेहद छोटी जेड रैबिट चट्टान कुछ लोगों को निराश कर सकती है।
चंद्रमा की सतह पर सक्रिय दो चीनी मिशन
उन्होंने कहा कि मूल तस्वीर से बहुत से लोग उम्मीद कर रहे थे कि यह एक कोई बड़ा ढांचा होगा जो बीजिंग के विशाल सीसीटीवी मुख्यालय की इमारत की तरह दिखता होगा। चीन के दो मिशन चांद की सतह पर पहले से ही मौजूद हैं। इसमें चेंग-ई-3 नाम का स्पेसक्राफ्ट 2013 में चांद के सतह पर पहुंचा था। जबकि जनवरी 2019 में चेंग-ई-4 चांद की सतह पर लैंडर और युटु-2 रोवर के साथ लैंड किया था। बताया जा रहा है कि ये मिशन अब भी एक्टिव हैं।
Neha Dani
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