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पृथ्वी पर गिरा था रहस्यमयी उल्कापिंड
वैज्ञानिकों ने धरती पर गिरे एक उल्कापिंड की खोज की थी। इसकी जांच में शोधकर्ताओं के हाथ बड़ी जानकारी लगी है। उनको पता चला है कि मंगल ग्रह पर रासायनिक प्रतिक्रिया पानी और चट्टान के बीच हुई थी। इस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि मंगल ग्रह पर 4 अरब साल पहले जीवन से जुड़े कई जैविक कंपाउंड थे। 84001 उल्कापिंड की जांच शोधकर्ता एलन हिल्स कर रहे हैं। इस उल्कापिंड को ALH 84001 भी कहा जाता है।
अब नए रिसर्च में पता चला है कि इस उल्कापिंड के अंदर ऑर्गेनिक कणों, कार्बन का मिश्रण, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और दूसरे तत्व हो सकते हैं। वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च में बताया है कि किसी भी ग्रह पर जीवन, खनिजों की विविधता और ऑर्गेनिक मॉलिक्यूल के उत्पादन के लिए पानी और चट्टान के बीच संपर्क बेहद जरूरी है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि मंगल ग्रह से आए उल्कापिंड का परीक्षण किया गया।
साल 1984 में हुई थी उल्कापिंड की खोज
वैज्ञानिक ने कहा है कि उल्कापिंड की जांच में मंगल ग्रह पर पानी और चट्टान के बीच संपर्क के बारे में जनाकारी मिली है। यह संपर्क करीब चार अरब साल पहले हुआ था। इस रहस्यमयी उल्कापिंड की खोज साल 1984 में अंटारकर्टिका में की गई थी। इसके बाद पता चला कि मंगल ग्रह से 1.7 करोड़ साल पहले यह उल्कापिंड अलग हो गया था। इसने अंतरिक्ष में करोड़ों साल तक यात्रा की और धरती पर गिर गया।
वैज्ञानिक एंड्रीयू स्टील का कहना है कि इस उल्कापिंड पर दुनिया में सबसे अधिक रिसर्च किया गया है। यह बड़ी जानकारी तब सामने आई है जब मंगल ग्रह पर मानवीय बस्ती बसाने के बारे में दुनिया सोच रही है। इस उल्कापिंड की जांच में वैज्ञानिक के हाथ कई और बड़ी जानकारियां लग सकती हैं। इन जानकारियों से लाल ग्रह पर इंसानी कालोनियों को बसाने में मदद मिलेगी।
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