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रहस्यमयी घटना: इस द्वीप में जाने से जान ले लेते हैं आदिवासी, अमेरिकी मिशनरी की हत्या
Rounak Dey
2 Oct 2021 8:30 AM GMT
![रहस्यमयी घटना: इस द्वीप में जाने से जान ले लेते हैं आदिवासी, अमेरिकी मिशनरी की हत्या रहस्यमयी घटना: इस द्वीप में जाने से जान ले लेते हैं आदिवासी, अमेरिकी मिशनरी की हत्या](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/10/02/1329134-31.gif)
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चाऊ की हत्या से पहले भी लोगों ने आदिवासियों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की लेकिन उन्हें सिर्फ प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
एक गूगल मैप यूजर की नजर सुदूर द्वीप पर फंसे एक जहाज के मलबे पर पड़ी जो रहस्यमयी और बेहद खतरनाक आदिवासियों का घर है। इंटरनेट यूजर ने जहाज की खोज अंडमान द्वीप के उत्तरी सेंटिनल हिस्से पर की और इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर अपलोड कर दीं। यह द्वीप अंडमान निकोबार द्वीप समूह का हिस्सा है जो बंगाल की खाड़ी में स्थित है और भारत का अंग है।
अमेरिकी मिशनरी की हत्या
जहाज का मलबा सेंटिनल के स्वदेशी आदिवासियों के घर में फंसा हुआ है, जिन्होंने खुद को बाहरी दुनिया से अलग रखा है और इसके लिए ये कई बार बल का प्रयोग भी करते हैं। नवंबर 2018 आदिवासी सुर्खियों में आए जब उन्होंने John Allen Chau नाम के एक अमेरिकी ईसाई मिशनरी की हत्या कर दी। खबरों के मुताबिक वह द्वीप में अवैध रूप से घुसा था और आदिवासियों का धर्मांतरण करवाना चाहता था।
फंसने के लिए इससे बुरी कोई जगह नहीं
ईसाई मिशनरी को द्वीप तक पहुंचाने वाले मछुआरों के मुताबिक आदिवासियों ने चाऊ पर तीर बरसाए और घसीटते हुए उसके शव को समुद्र के किनारे तक ले गए, जहां उसे दफना दिया गया। द्वीप के खौफनाक इतिहास के कारण सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि उत्तरी सेंटिनल द्वीप के अलावा ऐसी कई जगहें हैं जहां जहाज का मलबा छोड़ा जा सकता था। एक यूजर ने लिखा, 'जहाज खराब होने के लिए इससे बुरी जगह नहीं हो सकती।'
संपर्क के लिए तैयार नहीं आदिवासी
एक यूजर ने लिखा, 'यह यात्रियों के लिए एक बुरा दिन रहा होगा।' यह द्वीप दक्षिण अंडमान प्रशासनिक जिले के अंतर्गत आता है जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (भारतीय केंद्र शासित प्रदेश) का हिस्सा है। व्यवहारिक रूप से भारतीय अधिकारी द्वीपवासियों की अकेले रहने की इच्छा का स्वीकार करते हैं और अपनी भूमिका को सिर्फ दूर से निगरानी तक ही सीमित रखते हैं। चाऊ की हत्या से पहले भी लोगों ने आदिवासियों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की लेकिन उन्हें सिर्फ प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
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