जनता से रिश्ता वेबडेस्क। म्यांमार में कोरोना महामारी के बीच रविवार को हुए आम चुनाव में मतदाताओं में जबर्दस्त उत्साह देखा गया। यहां पर कमजोर विपक्ष के कारण आंग सान सू की के नेतृत्व वाली नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी (एनएलडी) की दोबारा सत्ता में वापसी की राह आसान दिखाई दे रही है। चुनाव के दौरान पोलिंग स्टेशन पर भीड़ दिखाई दी, लेकिन मतदाताओं में कोरोना को लेकर सजगता देखी गई। यहां पर मास्क लगाने और शारीरिक दूरी बनाए रखने की अनिवार्यता की गई थी। कहीं-कहीं मतदाता पूरी सावधानी के साथ फेस शील्ड पहनकर भी वोट देने के लिए आए।
एक पोलिंग स्टेशन पर मतदान की व्यवस्था देख रहे सरकारी अधिकारी जॉ विन का कहना था कि उम्मीद नहीं थी कि लोगों में वोट डालने के लिए इतना उत्साह देखने को मिलेगा। जनता अब वास्तविक लोकतंत्र चाहती है।
एक वोटर ने कहा, आंग सान सू की का पिछला कार्यकाल अच्छा रहा है, लेकिन 2008 में सेना द्वारा अपने लिए 25 फीसद सीटों के आरक्षण का नियम बना देने से कई लोकतांत्रिक निर्णय लेने में दिक्कतें आ रही हैं।
पांच दशक बाद एनएलडी की बनी थी सरकार
म्यांमार में पांच दशक तक सेना का शासन होने के बाद 2005 में नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के नेतृत्व में एनएलडी की सरकार बनी थी। इस बार फिर उनकी पार्टी का मुख्य मुकाबला यूनियन ऑफ सोलिडेरिटी डेवलपमेंट पार्टी से है। इस दल को सेना का समर्थन रहता है। मतदान के दौरान माहौल दोबारा आंग सान सू की के पक्ष में ही देखने को मिला है।
वहीं, दूसरी ओर सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) को भरोसा है कि इन चुनावों में जीत उसी की होगी, हालांकि पार्टी के एक नेता का यह भी मानना है कि वह पांच साल पहले हुए 2015 की बंपर जीत को दोहरा नहीं पाएंगे। 2015 के आम चुनाव में नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने केंद्रीय संसद के दोनों सदनों की 498 सीटों के लिए हुए चुनाव में 390 सीटें जीतीं थीं।