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म्यांमार: सैन्य सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले 2 हजार से ज्यादा लोग होंगे रिहा

Gulabi
30 Jun 2021 3:30 PM GMT
म्यांमार: सैन्य सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले 2 हजार से ज्यादा लोग होंगे रिहा
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म्यांमार की सैन्य सरकार ने बुधवार से करीब 2,300 कैदियों की रिहाई शुरू कर दी है

Myanmar to Release Thousands of People From Jail: म्यांमार की सैन्य सरकार ने बुधवार से करीब 2,300 कैदियों की रिहाई शुरू कर दी है, जिनमें फरवरी में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए कार्यकर्ता और प्रदर्शनों पर खबर जारी करने वाले पत्रकार भी शामिल हैं. इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी है (Arrests in Myanmar After Coup). यांगून की इनसेइन जेल से बसों से कैदियों को ले जाया गया, जहां उनके दोस्त और परिवार सुबह से रिहाई का इंतजार कर रहे थे.

यांगून क्षेत्रीय कारावास विभाग के प्रमुख जॉ जॉ ने इस बात की पुष्टि की कि 720 से अधिक लोगों को जेल से रिहा किया गया है. इस जेल में दशकों से राजनीतिक कैदियों को रखा जाता रहा है. यह बात सामने आई है कि सभी कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को रिहा नहीं किया गया है (Myanmar Military Government). उप सूचना मंत्री मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने पहले कहा था कि पूरे देश में करीब 2,300 कैदियों को रिहा किया जाएगा.
देश में हुए थे विरोध प्रदर्शन
उन्होंने चीन की शिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि रिहा किए गए कैदियों में वो शामिल हैं, जिन्होंने प्रदर्शन में भाग लिया था लेकिन हिंसा नहीं की थी या दंगों को नहीं भड़काया था. इस देश में फरवरी महीने में हुए तख्तापलट के बाद भारी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था (Protests in Myanamar). लोगों ने लोकतंत्र की बहाली और राजनेताओं की रिहाई की मांग की. इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए सैन्य सरकार ने 700 से अधिक लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. सेना ने देश के कई शहरों में कत्लेआम मचाया था.
5200 लोग हिरासत में हैं
तख्तापलट के बाद से करीब 2000 लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ था. ऐसा कहा जा रहा है कि वर्तमान में 5200 लोगों को हिरासत में रखा गया है. देश की बड़ी नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) पर कई आरोप लगाते हुए उन्हें नजरबंद करके रखा गया. 76 साल की नोबेल पुरस्कार विजेता सू की के खिलाफ कई मामलों में सुनवाई हो रही है. उनपर भ्रष्टाचार और कोरोना वायरस के नियमों का उल्लंघन करने का भी आरोप लगा है. सैन्य सरकार आने के बाद सू की की ओर से जो भी बातें कही जाती हैं, वो उनके वकील ही बताते हैं. उनके वकील ने बताया था कि सू की ने लोगों से एकजुट होकर रहने को कहा है.
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