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म्यांमार: सैन्य सरकार ने फेसबुक पर रोक लगाई, तख्तापलट का बढ़ा विरोध

Kunti Dhruw
5 Feb 2021 2:58 AM GMT
म्यांमार:  सैन्य सरकार ने फेसबुक पर रोक लगाई, तख्तापलट का बढ़ा विरोध
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म्यांमार की नई सैन्य सरकार ने विरोध प्रदर्शनों की आवाज को दबाने के लिए सोमवार को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर रोक लगा

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: यंगून: म्यांमार की नई सैन्य सरकार ने विरोध प्रदर्शनों की आवाज को दबाने के लिए सोमवार को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर रोक लगा दी। उल्लेखनीय है कि फेसबुक खासतौर पर म्यांमार में बहुत लोकप्रिय है और यहां अधिकतर लोगों तक अब इंटरनेट की पहुंच है। सेना ने सोमवार को संसद का नया सत्र शुरू होने से पहले ही तख्तापलट पर दिया था और आंग सांग सू की सहित अन्य शीर्ष राजनीतिज्ञों को हिरासत में ले लिया था।

सैन्य सरकार के खिलाफ सांसदों की मीटिंग

तख्तापलट के खिलाफ हाल में निर्वाचित करीब 70 सांसदों ने बृहस्पतिवार को नई सैन्य सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए संसद की सांकेतिक बैठक बुलाई। सांसदों के मुताबिक अनौपचारिक रूप से संसद की बैठक बुलाना सांकेतिक था जिसमें उन्होंने संदेश दिया कि सेना नहीं बल्कि वे देश के वैध विधि निर्माता हैं। कुछ सांसदों ने अतिथि गृह छोड़ते हुए गुस्से का इजहार किया और तख्तापलट का विरोध करने की प्रतिबद्धता जताई।
फिर चुनाव आयोजित करेगी म्यांमार सेना
सू की की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेटिक के सदस्य सोय सोय ची ने कहा कि यह सभी नागरिकों के मानवाधिकार का उल्लंघन हैं। यह तख्ता पलट नहीं है बल्कि सरकार के खिलाफ राजद्रोह है। मैं कहना चाहूंगा कि यह देशद्रोह है। सेना ने घोषणा की है कि वह एक साल के लिए आपातकाल की स्थिति के तहत शासन करेगी और फिर चुनाव आयोजित करेगी जिसमें जीतने वाले सरकार का कार्यभार संभालेंगे।
पूरे देश में तख्तापटल का विरोध जारी

इस बीच म्यांमार में तख्तापलट का विरोध भी तेज होता जा रहा है। देश के सबसे बड़े शहर यंगून की व्यस्त सड़क पर दीवारों पर पोस्टर दिखा जिस पर नारे लिखे थे, तानाशाही नहीं चाहते हैं। राजनीतिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में मशहूर मांडले शहर में करीब 20 लोगों ने यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के समक्ष तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन किया जिनमें से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
स्वास्थ्यकर्मियों का सैन्य सरकार के साथ काम करने से इनकार

स्वास्थ्यकर्मियों ने घोषणा की है कि वे सैन्य सरकार के साथ काम नहीं करेंगे। बुधवार को लगातार दूसरी रात यंगून के निवासियों ने कार का हॉर्न बजाकर एवं शोर मचा कर तख्तापलट का विरोध किया। वहीं, राजधानी नेपीता में बृहस्पतिवार को हजारों की संख्या में लोगों ने सैन्य शासन के समर्थन में भी रैली निकाली। इसे सैन्य शासन की स्वीकृति दिलाने की कोशिश माना जा रहा है। उधर,उपयोक्ताओं ने बताया कि बुधवार देर रात से उन्हें फेसबुक इस्तेमाल करने में परेशानी आने लगी थी।
फेसबुक पर लगी अस्थायी रोक
मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी 'टेलेनॉर म्यांमार' ने एक बयान में पुष्टि की कि उन्हें संचार मंत्रालय से फेसबुक को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्देश मिला है। उसने कहा कि वह इसका पालन करेगा, हालांकि वह इस कदम के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाला होने को लेकर भी चिंतित है। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा कि म्यांमार में दूरसंचार प्रदाताओं को फेसबुक पर अस्थायी रोक लगाने का आदेश दिया गया है। हम प्राधिकारियों से सेवा बहाल करने का आग्रह करते हैं ताकि म्यांमार के लोग अपने परिवार तथा दोस्तों से सम्पर्क कर सकें और उन तक महत्वपूर्ण जानकारियां पहुंच सकें।
सेना ने चुनाव में गड़बड़ियों का दिया हवाला
सेना का कहना है कि आंग सान सू की की निर्वाचित असैन्य सरकार को हटाने का एक कारण यह था कि वह कथित व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रही।



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