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पांच पत्रकारों की हिरासत बढ़ी
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। विरोध प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि सेना प्रदर्शनों को कुचलने के लिए गोलियां भी चलवा रही है, लेकिन इसकी परवाह किए बगैर लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को देश के कई शहरों में पहले से भी ज्यादा विरोध प्रदर्शन किए गए।
एक दिन पहले यानी गुरुवार को सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाई थीं। इसमें 12 लोगों की मौत हुई थी। इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश में गत एक फरवरी को हुए तख्तापलट के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में अब तक 70 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इधर, देश की अपदस्थ सर्वोच्च नेता आंग सान सू की के वकील ने रिश्वत के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। वकील खिन मूंग जाव ने एक बयान में कहा, 'आंग सान पर रिश्वत का आरोप सबसे बड़ा मजाक है।' सैन्य शासन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल जाव मिन टुन ने गुरुवार को आंग सान पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने सरकार में रहते छह लाख डॉलर (करीब चार करोड़ 35 लाख रुपये) के साथ सोना भी अवैध तरीके से स्वीकार्य किया था।
रक्षा आदान-प्रदान निलंबित करेगा दक्षिण कोरिया
म्यांमार में प्रदर्शनकारियों पर कठोर कार्रवाई के विरोध में दक्षिण कोरिया बड़ा कदम उठाने जा रहा है। उसने कहा कि वह इस देश के साथ रक्षा आदान-प्रदान निलंबित करेगा और विकास संबंधी सहयोग पर विचार करेगा।
पांच पत्रकारों की हिरासत बढ़ी
म्यांमार की एक अदालत ने अमेरिकी न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के एक पत्रकार समेत पांच पत्रकारों की हिरासत अवधि बढ़ा दी। इन्हें सैन्य शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कवर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यहां प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई में अब तक कुल करीब दो हजार लोगों को पकड़ा गया है।
ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से कहा, छोड़ दें म्यांमार
ब्रिटेन ने म्यांमार में रह रहे अपने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे इस देश को छोड़ दें। अगर वे इस देश से बाहर निकलने में असमर्थ हैं तो घर में ही रहें। क्योंकि म्यांमार में तख्तापलट के बाद हिंसा बढ़ गई है। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में यह बात कही।
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