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म्यांमार सेना ने तख्तापलट के खिलाफ तेज प्रदर्शन, Facebook ने उठाया यह बड़ा कदम

Neha Dani
23 Feb 2021 11:20 AM GMT
म्यांमार सेना ने तख्तापलट के खिलाफ तेज प्रदर्शन, Facebook ने उठाया यह बड़ा कदम
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चीन म्यांमार की सेना को सहायता प्रदान कर रहा है.

म्यांमार (Myanmar) में सेना और लोकतंत्र समर्थकों के बीच जारी टकराव के बीच फेसबुक (Facebook) ने सरकारी टेलीविजन (State Television) एमआरटीवी के लाइव पेज को हटा दिया है. फेसबुक की तरफ से कहा गया है कि वैश्विक नीतियों के बार-बार उल्लंघन को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. इससे एक दिन पहले ही सरकारी टीवी ने तख्तापलट (Coup) का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों को कार्रवाई की धमकी दी थी. प्रदर्शनकारियों से यहां तक कहा गया था कि टकराव होने पर उनकी जान को भी खतरा हो सकता है.

किसी की नहीं सुन रही Army
म्यांमार की सेना (Myanmar Army) ने एक फरवरी को तख्तापलट करते हुए आंग सान सूची (Aung San Suu Kyi) सहित कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अनगिनत अपीलों के बावजूद अभी तक सेना ने किसी को रिहा नहीं किया है. कोई नहीं जानता कि सूची इस समय कहां हैं. वहीं, सेना की इस कार्रवाई के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. पिछले कई दिनों से म्यांमार में प्रदर्शन हो रहे हैं. यंगून में मिलिट्री शासन के खिलाफ लोगों ने मिशन 22222 शुरू कर दिया है.
क्या है मिशन 22222?
मिशन 22222 सोमवार से शुरू किया गया. सोमवार को 22-02-2021 तारीख थी यानी कुल पांच बार दो. इसीलिए इस मिशन का नाम 22222 दिया गया है. लोगों ने फैसला लिया है कि इस मिशन के तहत पूरे देश को शट डाउन किया जाएगा, दुकान, ऑफिस बंद रखे जाएंगे. यह मिशन तक चलेगा जब तक लोकतंत्र बहाल नहीं हो जाता. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सेना सूची सहित गिरफ्तार सभी नेताओं को तुरंत रिहा करे और चुनी हुई सरकार को सत्ता सौंपें.
अब तक 3 की हुई मौत
म्यांमार में हो रहे प्रदर्शनों में अब तक तीन लोगों की मौत हुई है. राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर सोमवार को देशभर में कारखाने, कार्यालय और दुकानें बंद रहीं. नेपीता में भी बंद का असर दिखा. सेना लगातार चेतावनी दे रही है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन लोगों पर इसका कोई असर नहीं है. वह लगातार प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं. कुछ दिन पहले बीजिंग स्थित चीनी दूतावास के बाहर भी प्रदर्शन हुए थे. लोगों को लगता है कि म्यांमार में तख्तापलट के पीछे चीन का हाथ है. चीन म्यांमार की सेना को सहायता प्रदान कर रहा है.


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