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‘इलाके पर फेंके गए बम’
Myanmar Army Launches Air Strikes-Fires at Funeral: म्यांमार की सेना (Myanmar Protests Crackdown) ने सभी हदें पार करते हुए रविवार को अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी है. इस बात की जानकारी कुछ गवाहों ने दी है. ये लोग उन 114 लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे, जिनकी एक दिन पहले शनिवार को हत्या की गई थी (Myanmar Protests Against Military Coup). ये दिन 1 फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद से अब तक का सबसे बड़ा खूनी दिन है. बागो शहर में हुई इस गोलीबारी में कितने लोगों की मौत हुई है, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है. ये जगह राजधानी यांगून के पास स्थित है.
इसके अलावा म्यांमार की सेना ने लड़ाकू विमानों से ही शनिवार को लोगों पर हवाई हमले भी किए हैं. ये हमले थाईलैंड की सीमा के पास स्थित उस गांव पर किए गए हैं, जिसपर सशस्त्र जातीय समूह का नियंत्रण है. अब देश में गृह युद्ध छिड़ने की संभावना तेज हो गई है (Myanmar Protests Military Coup). कारेन नेशनल यूनियन (केएनयू) नामक इस समूह का दक्षिणपूर्वी क्षेत्र पर नियंत्रण है (Myanmar Army Launches Air Strikes). सेना ने हवाई हमला रात के करीब 8 बजे किया था, जिसके बाद ग्रामीणों को वहां से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
'इलाके पर फेंके गए बम'
सिविल सोसाइटी ग्रुप कारेन पीस सपोर्ट नेटवर्क के प्रवक्ता ने कहा, 'उन्होंने इलाके पर बम फेंके हैं, वहां के ग्रामीणों का कहना है कि दो लोगों की मौत हुई है और दो घायल हुए हैं.' प्रवक्ता ने कहा कि ये एक दूरस्थ क्षेत्र है इसलिए संपर्क नहीं हो पा रहा है लेकिन ऐसा हो सकता है कि अधिक लोगों की मौत हुई हो (Myanmar Protests After Coup). म्यांमार में रविवार को भी दो सबसे बड़े शहरों यांगून और मांडले सहित कई अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं. शनिवार को सेना ने अब तक की सबसे बड़ी हिंसक कार्रवाई की है. वो भी उस दिन जब सेना ने सशस्त्र बल दिवस मनाया है. जिसके बाद से कई स्थानों पर मृतकों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.
मृतकों में बच्चे भी शामिल
जिन 114 लोगों की हत्या हुई है, उनमें 10 से 16 साल की उम्र के छह बच्चे भी शामिल हैं. इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना की जा रही है. म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र के स्पेशल रैपॉर्टोरिटी ने कहा है कि सेना ने 'बड़ी संख्या में हत्याएं' की हैं और उन्होंने दुनिया को सैन्य सरकार का साथ नहीं देने की अपील की है. साथ ही कहा है कि यहां की सेना तक हथियारों की पहुंच को रोका जाए (Myanmar Protests Reason). पश्चिमी देशों ने म्यांमार के सैनिकों पर प्रतिबंध भी लगाए हैं और उनकी आलोचना की है. यहां 1 फरवरी को तख्तापलट हुआ था, जिसके बाद सेना ने निर्वाचित सरकार के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद से पूरे देश में लोग लोकतंत्र की बहाली और हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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