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म्यांमार में सैन्य शासन के सत्ता पर काबिज होने के बाद जनता के साथ की गई बर्बरता अब इंटरनेट प्लेटफार्म पर सामने आ रही हैं
म्यांमार में सैन्य शासन के सत्ता पर काबिज होने के बाद जनता के साथ की गई बर्बरता अब इंटरनेट प्लेटफार्म पर सामने आ रही हैं। फोटो-वीडियो के माध्यम से सामने आए इन मामलों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सैन्य शासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया है। दिल हिला देने वाली ऐसे तमाम वीडियो और फोटो अंतराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खिया बनी हुई हैं।
सैन्य शासन की क्रूर कार्रवाई पर अब एमनेस्टी इंटरनेशनल व अन्य मानवाधिकार संगठन जांच में लग गए हैं। लोकतंत्र समर्थनों के प्रदर्शन के दौरान 19 साल की लड़की एंजिल के मारे जाने का फोटो और वीडियो वायरल हो रहा है। जिसे गोली मार दी गई थी। एंजिल को गोली मारने से सुरक्षा बलों ने इन्कार किया है। एमनेस्टी ने वह वीडियो खोज निकाला, जिसमें भीड़ के पीछे हटने के बाद भी सुरक्षा बल उन पर सीधे गोली चला रहे हैं। एंजिल इसी प्रदर्शन में मारी गई थी।
ये फोटो और वीडियो म्यांमार की सैन्य सरकार के लिए सिरदर्द बन गए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुंटा के बर्बर अत्याचार को नरसंहार के रूप में माना जा रहा है। इधर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने म्यांमार के सैन्य प्रमुख मिंग आन लाइंग को पत्र लिखकर नागरिकों के साथ हो रही हिंसा को पूरी तरह समाप्त करने के लिए कहा है। म्यांमार में गठित एकता सरकार ने दक्षिण पूर्व देशों के संगठन आसियान से कहा है कि वे गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने के लिए दबाव डालें।
सांसदों की बाइडन से कड़े प्रतिबंध की मांग
अमेरिका के सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडन ने सैन्य शासन जुंटा पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की है। जेफ मर्कले के नेतृत्व में छह सांसदों ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पत्र लिखकर कहा है कि म्यांमार पर ऐसे प्रतिबंध लगाएं, जो कारगर हो सकें।
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