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यही नहीं इस युद्धपोत के आने के बाद पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा और प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी.
अफगनिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के आने के बाद चीन और पाकिस्तान (China-Pakistan relationship) की जोड़ी को और मज़बूती मिल गयी है ऑल वेदर स्ट्रेटेजिक कॉपरेटिव पार्टनरशिप के नाम पर चीन पाकिस्तान की धीरे-धीरे सैन्य ताकत मजबूत कर रहा है. जंगी जहाजों से लेकर सबमरीन तक और रडार से लेकर लॉन्ग रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल तक चीन पाकिस्तान को मुहैया करा रहा है.
चीन (China) ने अपनी ताकत को समुद्री इलाकों तक बढ़ाने के लिये एक बड़ा प्लान बनाया है. इससे न सिर्फ वो फारस की खाड़ी पर अपना दबदबा बढ़ा सकेगा, साथ अमेरिका को भी चुनौती दे सकता है. एसे में सबसे ज्यादा जरूरी था एक ऐसा देश जो न सिर्फ उसे अरब सागर में एक सैन्य बंदरगाह दे बल्कि उसी के मुताबिक़ भी चले.
एक दशक से जारी है आपसी सहयोग
पिछले एक दशक में चीन ने पाकिस्तान की नौसेना को अपना रंग देना शुरू किया. पाकिस्तान में जंगी जहाज़ों से लेकर सबमरीन तक और रडार से लेकर लॉंग रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल तक चीन की है. इसी के मद्देनज़र पाकिस्तान के लिये चीन 8 सबमरीन चीन तैयार कर रहा है. प्रोजेक्ट S-26 के तहत पाकिस्तान ने चीन से 8 यूआन क्लास एयर इंडीपैंडेंट सबमरीन कारार किया है. 2015 में चीन से 4.8 बिलियन डालर का करार हुआ. इन 8 सबमरीन में से 4 चीन में और बाकी 4 कराची शिपयार्ड में ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी के तहत बनाई जानी है.
साल 2023 में मिलेंगी 4 पनडुब्बी
पहली चार पनडुब्बी साल 2023 तक पाकिस्तान को मिलने की उम्मीद है. जबकि बाकी चार साल 2028 तक पाकिस्तान के कराची बंदरगाह में तैयार होने का प्लान है. ये ऐसे समय में हो रहा है जब चीन ने अमेरिका के सामने शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपने 4 महाविनाशक युद्धपोतों को अमेरिका के अलास्का राज्य की जलसीमा में भेजा है. चीन की इस हरकत से अमेरिका के साथ उसका तनाव बढ़ गया है. चीन इस समय ना सिर्फ़ ज़मीन पर अमेरिका के विरोध एक बड़ा alliance बना रहा बल्कि समंदर पर भी अपनी दादागिरी के लिए अमेरिका के ख़िलाफ़ मुल्कों को मज़बूत कर रहा है.
हाल ही में मिला है एक वॉरशिप
इससे पहले चीन की तरफ से पाकिस्तान की नेवी के लिए एक नया अत्याधुनिक युद्धपोत बनाया है. टाइप-054 फ्रिगेट शिप पिछले महीने शंघाई के हुडोंग झोंगहुआ शिपयार्ड में लॉन्च किया गया है. पाकिस्तान की मीडिया ने इसे लेकर दावा किया था कि यह नया वॉरशिप नेवी में शामिल तकनीकी रूप से सबसे ज्यादा आधुनिक युद्धपोतों में से एक होने वाला है. इस युद्धपोत में अत्याधुनिक सरफेस, सब सरफेस और एंटी एयर हथियार लगे हुए हैं.
इसके अलावा इसमें इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, एयर और जमीनी निगरानी के लिए उपकरणों और सेंसर इंस्टॉल किए जाएंगे. साथ ही युद्धपोत में अत्याधुनिक युद्ध प्रबंधन सिस्टम लगा है. इससे पाकिस्तानी नेवी की लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी. यही नहीं इस युद्धपोत के आने के बाद पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा और प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी.
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