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तालिबान के लोगों के प्रति व्यवहार पर रिपोर्ट नहीं कर सका है.
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान सरकार (Taliban Government) ने एक नई मीडिया गाइडलाइंस को जारी किया. इसी बीच तालिबान (Taliban) सरकार ने एक ऐसे फैसले का ऐलान किया है, जिसकी वजह से अफगानिस्तान में मीडिया के पर कतर दिए जाएंगे. दरअसल, तालिबान ने ऐलान किया है कि इसके तथाकथित प्रशासन के हितों के खिलाफ किसी भी मीडिया या समाचार एजेंसियों को कुछ भी प्रकाशित करने की इजाजत नहीं होगी. तालिबान की सत्ता में वापसी होने के बाद से ही इस बात की चर्चा होने लगी थी कि अब अफगानिस्तान में मीडिया को मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.
Violent mob set on fire a police station in Charsadda district after the police refused to hand over a man arrested over blasphemy for allegedly desecrating the Quran. pic.twitter.com/4IYhBMoovr
— Naila Inayat (@nailainayat) November 28, 2021
अफगानिस्तान पत्रकार सुरक्षा समिति (AJSC) का हवाला देते हुए, खामा प्रेस ने बताया कि उत्तरी बदख्शां प्रांत (Badakhshan province) के स्थानीय अधिकारियों ने मीडिया आउटलेट्स से समीक्षा और सेंसरशिप के बाद अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए कहा है. अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, AJSC ने कहा कि बदख्शां प्रांत में तालिबान ने घोषणा की है कि किसी भी मीडिया या समाचार एजेंसियों को समूह के हित के खिलाफ प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है. खामा प्रेस के अनुसार, AJSC ने कहा कि सूचना और संस्कृति के प्रांतीय निदेशक, मुएजुद्दीन अहमदी ने कहा है कि महिलाओं को रिपोर्टिंग उद्देश्यों के लिए सार्वजनिक रूप से मौजूद होने की अनुमति नहीं है.
तालिबान के डर से देश छोड़कर भागे पत्रकार
वहीं, मुएजुद्दीन अहमदी ने कहा है कि महिला मीडियाकर्मी पुरुष कर्मचारियों से अलग कार्यालय में काम कर सकती हैं. तालिबान की वापसी के बाद से ही अपनी रिपोर्टिंग को लेकर बदला लिए जाने के डर से दर्जनों पत्रकार देश छोड़कर भाग गए हैं. इसके अलावा, ऐसे भी पत्रकार हैं, जो छिप गए हैं. वहीं, कई महिलाओं को अपने वरिष्ठ पदों को छोड़ना पड़ा है. दूसरी ओर, अफगानिस्तान में जारी बदहाली की वजह से दर्जनों छोटे मीडिया आउटलेट्स ऐसे हैं, जिन्हें बंद होना पड़ा है. देश में जारी बदहाली का सितम मीडिया ऑर्गेनाइजेशन पर भी पड़ा है, क्योंकि वे अपने कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दे पा रहे हैं.
देश के 70 फीसदी मीडियाकर्मी बेरोजगार
अफगानिस्तान में मीडिया का समर्थन करने वाले संगठन नेहाद रसाना-ए-अफगानिस्तान (NAI) ने कहा कि इस्लामिक अमीरात के शासन के बाद से, वित्तीय चुनौतियों के साथ-साथ प्रतिबंधों की वजह से देश में 257 से अधिक मीडिया आउटलेट्स ने काम करना बंद कर दिया है. इसमें प्रिंट, रेडियो और टीवी स्टेशन शामिल हैं. वॉचडॉग के मुताबिक, 70 फीसदी से अधिक मीडियाकर्मी बेरोजगार हो गए हैं या देश छोड़कर भाग गए हैं. सबसे अधिक प्रभावित समुदाय वो है, जो अभी भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बरकरार रखने में जुटा हुआ है. कोई भी मीडिया भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन, सरकार की क्षमता की कमी या तालिबान के लोगों के प्रति व्यवहार पर रिपोर्ट नहीं कर सका है.
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