विश्व

हत्या: फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी ने दिल्ली के जामिया से की थी पत्रकारिता की पढ़ाई

Subhi
17 July 2021 1:14 AM GMT
हत्या: फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी ने दिल्ली के जामिया से की थी पत्रकारिता की पढ़ाई
x
कंधार में अफगान सैनिकों के साथ गोलीबारी के दौरान तालिबानी आतंकियों द्वारा फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या से पूरी दुनिया में गम और गुस्से की लहर है।

कंधार में अफगान सैनिकों के साथ गोलीबारी के दौरान तालिबानी आतंकियों द्वारा फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या से पूरी दुनिया में गम और गुस्से की लहर है।

पत्रकार संगठनों के साथ ही भारत सरकार और अमेरिका ने इस हत्या के लिए तालिबान की आलोचना की है। पुलित्जर पुरस्कार से नवाजे जा चुके दानिश ने दिल्ली के जामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद अपने शौक को अपना पेशा बनाया था।

मुंबई में रहकर काम करने वाले सिद्दीकी को रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी के फोटोग्राफी स्टाफ का हिस्सा होने के नाते पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्होंने पहले दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से अर्थशास्त्र में स्नातक किया था, लेकिन पत्रकारिता में रुचि होने की वजह से उन्होंने बाद में साल 2007 में जामिया मिलिया से ही मास कम्युनिकेशन में डिग्री ली।

कुछ समय एक टीवी न्यूज चैनल के लिए काम करने के बाद दानिश फोटोजर्नलिस्ट बने। साल 2010 में वे रॉयटर्स से बतौर इंटर्न जुड़े और फिलहाल उसके लिए अफगानिस्तान में कवरेज कर रहे थे।

मौत पर दुख, सदमा, सांत्वना व युद्धबंदी की मांग

रॉयटर्स अध्यक्ष माइकल फ्राइडनबर्ग और मुख्य संपादक एलेजेंड्रा गैलोनी ने दुख जताते हुए दानिश को असाधारण पत्रकार बताया। कहा, वे एक समर्पित पति व पिता थे और अपने सहकर्मियों में बेहद लोकप्रिय थे।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि दानिश अपने पीछे असाधारण काम अंजाम देकर गए हैं। उन्होंने दानिश की एक तस्वीर भी साझा की।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने उनकी मौत को सदमा बताते हुए कहा कि सच्ची पत्रकारिता के लिए साहस की जरूरत होती है, दानिश का काम इसे साबित करता है। इसे व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं।

अफगानिस्तान में अमेरिकी उपराजदूत रोज विल्सन ने दानिश की हत्या की खबर को दुखद और दिल दुखाने वाली त्रासदी बताया। साथ ही पूर्ण युद्धबंदी की मांग भी की है।

तीन दशक में 53 पत्रकारों की हत्या

कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स संस्थान के अनुसार अफगानिस्तान में वर्ष 1992 से 2021 तक 53 पत्रकारों की हत्या हो चुकी थी। दानिश को मिलाकर यह संख्या 54 हो जाती है। मौजूदा स्थिति के अनुसार तालिबान ने अफगानिस्तान के 75त्न भूभाग पर कब्जे का दावा किया है, जिसके बाद हालात और बिगड़ने की आशंका है।



Next Story