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नई दिल्ली: आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि कोई सांसद सुपरमार्केट (Supermarket) से सैंडविच (Sandwich) चोरी कर सकता है. इतना ही नहीं, इस सैंडविच चोरी के चक्कर में उसे अपने पद को त्यागना पड़ जाए तो शायद लोगों को विश्वास नहीं होगा. लेकिन एक सांसद (Member of Parliament) को ऐसा करना पड़ा था. यूरोप के देश स्लोवेनिया (Slovenia) में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जब एक सांसद को सैंडविच चोरी के मामले में इस्तीफा देना पड़ा.
सांसद ने इस चोरी को कबूला
यूरोप के देश स्लोवेनिया (Slovenia) के एक सांसद को कुछ महीनों पहले सुपरमार्केट से सैंडविच चोरी करने के चक्कर में इस्तीफा देना पड़ा था. सैंडविच चोरी की खबर फैलते ही सांसद का सदन में जमकर विरोध हुआ. इसके बाद इस सांसद ने सांसदी से इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही सांसद ने इस बात को कबूला भी था कि उन्होंने सुपरमार्केट से सैंडविच चोरी की थी.
सांसद ने खुद बताई यह घटना
स्लोवेनिया की सत्ताधारी पार्टी के सांसद दारिज क्रेजिसिच (Member of Parliament Darij Krajcic) कुछ महीनों पहले देश के सर्विलांस सिस्टम पर हो रही एक चर्चा में शामिल हुए थे. तब उन्होंने खुद अपनी सैंडविच चोरी की घटना के बारे में बताया था. दारिज ने पूरी घटना बताते हुए कहा कि सैंडविच लेते वक्त सुपरमार्केट के एक भी कर्मचारी ने उन पर ध्यान नहीं दिया था. कुछ मिनट इंतजार करने के बाद वे बिना पैसे दिए वहां से बाहर निकल गए थे.
संसद के कई सदस्यों ने उन्हें गलत करार दिया
सांसद ने बताया कि जैसे ही यह घटना हुई, विपक्षी पार्टी के नेताओं ने उनके खिलाफ विरोध शुरू कर दिया था. यहां तक कि खुद उनकी पार्टी के नेताओं ने भी उनका विरोध किया था. साथ ही संसद के कई सदस्यों ने उनकी हरकत को गलत करार दिया था. इसके बाद दारिज ने खुद अपना त्यागपत्र स्पीकर को सौंप दिया था.
सोशल मीडिया पर हुई जमकर तारीफ
दारिज ने बताया था कि यह उनका एक सोशल एक्सपेरिमेंट था. इस घटना के तुरंत बाद उसी दिन सैंडविच के पैसे लौटाने सुपरमार्केट गए थे. गौरतलब है कि दारिज इस्तीफे से पांच महीने पहले ही सांसद चुने गए थे. इस घटना के बाद जैसे ही उन्होंने इस्तीफा दिया था, सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी ईमानदारी की खूब तारीफ की थी.
दारिज ने अपनी ईमानदारी का स्तर ऊंचा रखा
दारिज ने अपनी सफाई देते हुए कहा था कि अगर उस समय में वापस जाने की कोई तकनीक होती तो वो सैंडविच चोरी नहीं करते. दारिज ने बताया था कि उन्होंने अपनी ईमानदारी का स्तर ऊंचा रखा और संसद से इस्तीफा देना उनका अपना निजी फैसला था.
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