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ऐसे में कान छिदवाने से बच्चे को टिटनेस होने का खतरा बना रहता है.
आम तौर पर भारत में बच्ची के नाक-कान छिदवाने की परंपरा है लेकिन ऐसा बच्चे के 4-5 साल की उम्र पार करने के बाद ही होता है. कई मामलों में तो लड़कियों के बालिग होने के बाद ऐसा किया जाता है. लेकिन एक बच्ची की मां ने अपनी दो दिन की बच्ची के कान छिदवा दिए जिसके बाद उसे काफी आलोचना का सामना करना पड़ा. हालांकि डॉक्टर्स ने इसके पीछे की वजह बताकर लोगों को चुप करा दिया.
दो दिन की बच्ची की पियर्सिंग
'द मिरर' की खबर के मुताबिक ब्रिटेन में रहने वाली लारा नाम की महिला ने अपने इस फैसले का बचाव किया है. उसने अपनी दो दिन की नवजात के कान छिदवाकर उसे ईयररिंग पहना दिए थे, जिसके बाद इंटरनेट पर लोगों ने महिला को खूब खरी-खोटी सुनाई थी.
दरअसल महिला ने @Laraticaofficial नाम के टिकटॉक अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट किया था. इसमें वह कहती है कि उसकी बच्ची चार महीने में कितनी बदल गई है. वीडियो में देखा जा सकता है कि छोटी बच्ची के कान छिदे हुए हैं और उनमें वह बाली पहने हुए है. वीडियो पोस्ट होने के साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और यूजर्स ने इस पर कमेंट्स करने शुरू कर दिए.
डॉक्टर ने किया फैसले का बचाव
वीडियो में साफ दिख रहा है कि यह नवजात अस्पताल में एक कंबल लपेटे हुए लेटी है और उसके कानों में बाली हैं. बच्ची की मां के फैसले पर अस्पताल की नियोनेटोलॉजिस्ट कहती हैं, 'लारा ने नी बच्ची के कान छिदवाए.' उन्होंने आगे कहा, 'जब बच्चे दो-तीन दिन के होते हैं, तो उन्हें एक या दो साल की तरह दर्द महसूस नहीं होता है.' महिला दावा करती है कि लारा ने बच्ची के कान छेदने पर कोई आपत्ति नहीं दर्ज कराई क्योंकि जब वह बहुत छोटे होते हैं तो बच्चों की स्किन काफी नरम होती हैं.
ब्रिटेन में बच्चों के कान छिदवाना एक विवादास्पद विषय है जिसकी चर्चा दुनिया में आम है. यह एक परंपरा है, टिकटॉक यूजर ने कमेंट करते हुए कहा कि रोमानिया में वह अस्पताल में बच्चों के कान छिदवाते हैं. कुछ यूजर्स ने मां के इस फैसले की आलोचना की और इसे बच्ची के अधिकारों का हनन तक बता दिया. वेबएमडी के मुताबिक अगर आपने तीन महीने से कम उम्र के बच्चे के कान या नाक छिदवाए और उन्हें बुखार का संक्रमण हो गया, तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होना होगा.
बच्चे को टिटनेस का खतरा
वेबसाइट यह भी बताती है कि जब तक आपके बच्चे को पियर्सिंग से पहले टिटनेस का टीका नहीं लग जाता, तब तक ऐसा नहीं करना चाहिए. दरअसल इसके पीछे तर्क है कि बच्चों के लगने वाली वैक्सीन ईयर पियर्सिंग से होने वाले इंफेक्शन को रोक पाने में नाकाबिल हैं. ऐसे में कान छिदवाने से बच्चे को टिटनेस होने का खतरा बना रहता है.
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